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नहीं रहे नेताजी: कल सैफई में होगा मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार, UP में 3 दिन का राजकीय शोक

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। कल दोपहर 3 बजे सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक

मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।

विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे मुलायम सिंह- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

पीएम मोदी ने आगे लिखा, मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे।

पत्नी साधना गुप्ता का जुलाई में हुआ था निधन

इसी साल जुलाई में मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया था। फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद निधन हुआ था। वे मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं। उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया था।

1939 में सैफई में हुआ था जन्म

55 साल से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुआ था। वह 1967 में पहली बार यूपी के जसवंत नगर से विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे। वह आठ बार विधायक निर्वाचित हुए तो वहीं सात बार निर्वाचित होकर लोकसभा सांसद बने।

लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा की थी। मुलायम सिंह यादव को राजनीति के अखाड़े का पहलवान कहा जाता था। उन्होंने तीन बार उत्तर प्रदेश की कमान संभाली, वह देश के रक्षा मंत्री भी बने। 1996 में उन्हें यूनाइटेड फ्रंट गठबंधन की सरकार में रक्षा मंत्री बनने का भी अवसर मिला।

5 दशक का राजनीतिक करियर

  • 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996: 8 बार विधायक रहे।
  • 1977: उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारी और पशुपालन मंत्री रहे। लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे।
  • 1980: जनता दल प्रदेश अध्यक्ष रहे।
  • 1982-85: विधानपरिषद के सदस्य रहे।
  • 1985-87: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
  • 1989-91: उत्तर प्रदेश के सीएम रहे।
  • 1992: समाजवादी पार्टी का गठन किया।
  • 1993-95: उत्तर प्रदेश के सीएम रहे।
  • 1996: सांसद बने।
  • 1996-98: रक्षा मंत्री रहे।
  • 1998-99: दोबारा सांसद चुने गए।
  • 1999: तीसरी बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे और सदन में सपा के नेता बने।
  • अगस्त 2003 से मई 2007: उत्तर प्रदेश के सीएम बने।
  • 2004: चौथी बार लोकसभा सांसद बने।
  • 2007-2009: यूपी में विपक्ष के नेता रहे।
  • मई 2009: 5वीं बार सांसद बने।
  • 2014: 6वीं बार सांसद बने।
  • 2019 से 7वीं बार सांसद थे।

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