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ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दोषी को दी फांसी, महसा की मौत के बाद से जारी है विरोध

तेहरान। ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच सरकार द्वारा गुरुवार को एक व्यक्ति को फांसी की सजा दी गई। विरोध प्रदर्शन के लिए फांसी की सजा का यह ईरान का पहला मामला है। इस व्यक्ति पर प्रदर्शन के दौरान एक अर्धसैनिक बल के अधिकारी को घायल करने का आरोप है। न्यूज एजेंसी सीएनएन ने यह जानकारी दी। ईरानी मीडिया के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी यह पहली फांसी है, जिसे सार्वजनिक किया गया है।

अर्धसैनिक बल के अधिकारी को मारा था चाकू

खबरों के मुताबिक मोहसिन शेखरी नामक व्यक्ति को फांसी की सजा दी गई। उसे ईरान की राजधानी तेहरान में एक सड़क जाम के दौरान एक सुरक्षा अधिकारी को चोट पहुंचाने का दोषी पाया गया था। सुरक्षा अधिकारी 23 सितंबर को तेहरान में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर थे। उसी दौरान मोहसिन ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक सदस्य बासिज पर चाकू से हमला कर दिया था। सीएनएन ने ईरान की कोर्ट से संबद्ध न्यूज एजेंसी मिजान ऑनलाइन के हवाले से बताया कि शेखरी को 23 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई गई थी।

21 आरोपियों को फांसी देने की मांग

ईरान में 22 साल की महसा अमीनी को ठीक ढंग से हिजाब नहीं पहनने और खुले बाल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने हिजाब के विरोध में अपने बाल कटवा लिए थे। बाद में पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इसके बाद से महसा के समर्थन में कई महिलाओं ने अपने बाल कटवाए। यह आंदोलन बना और पूरे ईरान में फैला। इन प्रदर्शनों के बीच कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईरानी अधिकारी इन विरोध प्रदर्शनों के 21 आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहे हैं।

पिछले साल ईरान में 333 लोगों को दी फांसी

ईरान मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, पिछले साल ईरान में कम से कम 333 लोगों को फांसी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 183 लोगों को हत्या के आरोप में फांसी दी गई। यह कुल फांसी का 55 फीसदी है।

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