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अपनी सीट पर उलझने से दूसरी जगह प्रचार नहीं कर पाए सांसद-दिग्गज नेता

केंद्रीय मंत्री तोमर, पटेल और महामंत्री विजयवर्गीय ने संभाला चुनावी कैंपेन

राजीव सोनी-भोपाल। भाजपा हाईकमान ने इस बार विधानसभा चुनाव मैदान में तीन केंद्रीय मंत्री सहित 7 सांसद और 3 राष्ट्रीय पदाधिकारी उतारकर सभी को चौंकाया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते व प्रहलाद पटेल के अलावा सांसदों में राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदयप्रताप सिंह के अलावा पदाधिकारियों में राष्ट्रीय पदाधिकारी कैलाश विजयवर्गीय, लाल सिंह आर्य और ओमप्रकाश धुर्वे भी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी की रणनीति यही रही कि ये दिग्गज नेता अपने आस-पास की सीटों पर भी असर डालेंगे लेकिन तोमर, पटेल और विजयवर्गीय को छोड़ बाकी नेता अपने क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पाए। इनके सामने अपनी सीट जिताने की प्राथमिकता रही, अपवादस्वरूप कुलस्ते जरूर आदिवासी बहुल गिनी-चुनी सीटों पर प्रचार करने पहुंचे। भाजपा के इन 10 केंद्रीय नेताओं में से आठ के सामने ऐसी सीटों को जिताने की चुनौती है जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस काबिज हुई थी।

8 हारी हुई सीटों पर कमल खिलाने की चुनौती

केंद्रीय मंत्री- सांसद और केंद्रीय पदाधिकारियों में प्रहलाद पटेल (नरसिंहपुर) और रीति पाठक (सीधी) को छोड़ बाकी आठों नेताओं के सामने हारी हुई सीटों पर कमल खिलाने की चुनौती है। इनमें मुरैना जिले की दिमनी सीट पर केंद्रीय मंत्री तोमर, निवास(मंडला) से कुलस्ते, इंदौर-1 में विजयवर्गीय, राकेश सिंह-जबलपुर पश्चिम, गणेश सिंह-सतना और गाडरवारा (नरसिंहपुर) में राव उदयप्रताप सिंह चुनाव मैदान में हैं। भाजपा अजा मोर्चा अध्यक्ष लाल सिंह आर्य गोहद(भिंड) और राष्ट्रीय अजजा मोर्चा के ओमप्रकाश धुर्वे शहपुरा सीट से एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं। पिछली बार इन्हीं सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

केंद्रीय मंत्री तोमर-पटेल और विजयवर्गीय की 155 सभाएं

भाजपा चुनाव प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार इन दस नेताओं में केंद्रीय मंत्री पटेल ने अपने क्षेत्र से बाहर निकलकर 55 सीटों पर चुनाव प्रचार किया। पटेल ने महाकोशल, बुंदेलखंड से लेकर ग्वालियर-चंबल इलाकों में जाकर चुनावी सभाएं संबोधित कीं। केंद्रीय मंत्री तोमर ने भी 50 सभाएं लीं। वह ग्वालियर-चंबल से लेकर मध्यभारत और मालवा निमाड़ में भी प्रचार के लिए घूमे। इंदौर-1 की चुनौतीपूर्ण सीट के बावजूद विजयवर्गीय ने भी मालवा-निमाड़ के अलावा विंध्य, महाकोशल और बुंदेलखंड की 50 से अधिक विस सीटों पर प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने पहुंचे। इन तीनों नेताओं ने 155 सभाएं संबोधित कीं।

सांसद गणेश, राकेश और रीति पड़ोस में भी नहीं जा पाए

भाजपा अजा व अजजा मोर्चा के नेता आर्य और धुर्वे के अलावा सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक पूरे समय अपने मतदाताओं की मनुहार में जुटे रहे। उन्हें इतना समय भी नहीं मिला कि आस-पास की सीमावर्ती सीटों अथवा पड़ोसी जिलों में जाकर चुनाव प्रचार कर सकें। सत्ता-संगठन को मतदान के बाद इन सभी सीटों का जो फीडबैक मिला है उनमें निवास, गाडरवारा, सीधी, जबलपुर पश्चिम, शहपुरा और सतना सीट को कड़े संघर्ष में बताया गया है। तीनों विधानसभा सीटों पर क्षेत्रीय सांसद ही इस बार विधानसभा के लिए किस्मत आजमा रहे हैं। इन सीटों पर सियासी-जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने के की चुनौती है।

सांसद क्षेत्र में ही व्यस्त रहे

भाजपा का चुनाव कैंपेन सफल रहा। पार्टी के स्टार प्रचारकों सहित वरिष्ठ नेताओं ने जमकर चुनावी दौरे किए। चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री तोमर, पटेल, कुलस्ते और महामंत्री विजयवर्गीय भी कई सीटों पर प्रचार के लिए पहुंचे। लेकिन अन्य सांसद प्रत्याशी और पदाधिकारी अपने क्षेत्र में ही व्यस्त रहे। – वीडी शर्मा अध्यक्ष मप्र भाजपा

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