
भोपाल। बुधवार को एमपी नगर थाने में भीख मांगने और भीख देने पर पहली एफआईआर दर्ज हुई है। इसकी शिकायत एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति ने की और वीडियो भी बनाया। जानकारी के मुताबिक, एमपी नगर के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर वाहन चालकों को सामान बेच रहा था, जिसे एक ट्रक वाले ने खरीदा था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वीडियो के आधार पर पुलिस मामले में शामिल व्यक्तियों की तलाश कर रही है। इंदौर के बाद भोपाल में भी कलेक्टर ने भिक्षावृति पर सख्त कानून बनाया है।
वीडियो के आधार पर की शिकायत दर्ज
जानकारी के अनुसार, एक युवक एमपी नगर बोर्ड ऑफिस चौराह के सिग्नल पर रुकने वाले लोगों को बीच में जा कर सामान बेच रहा था। एक ट्रक वाले ने कांच साफ करने वाला पोंछा उससे खरीदा था। वहां मौजूद एक एनजीओ से जुड़े शख्स ने पुलिस को इसकी शिकायत की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने उसे पकड़ना चाहा लेकिन भिखारियों की गैंग ने पुलिस को घेर लिया। इसी बीच मौका पाते ही युवक वहां से भाग निकला। पुलिस ने वीडियो के आधार पर दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस ने धारा 223 के तहत की एफआईआर
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के लिए 3 फरवरी को भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद प्रशासन ने इस पर सख्ती से नजर रखना शुरू किया। एक भिखारी को पहले भी पकड़ा था, लेकिन उस पर कोई एफआईआर नहीं हो सकी थी। यह पहला मामला है जिसमें भीख लेने और देने वाले दोनों पर एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस धारा के तहत छह महीने की सजा और 2500 रुपए का जुर्माना लग सकता है।
कलेक्टर ने नजर रखने के लिए बनाई है टीम
शिकायतकर्ता मोहन सिंह सोनी एक एनजीओ से जुड़े हैं, जो जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीमों का हिस्सा हैं। ये टीमें शहर में भीख मांगने वालों पर नजर रखती हैं। सोनी ने बताया कि बुधवार दोपहर को वह अपनी टीम के साथ एमपी नगर बोर्ड ऑफिस से जा रहे थे। उन्होंने एक व्यक्ति को भीख मांगते और एक ट्रक चालक को उसे भीख देते देखा। उन्होंने तुरंत घटना का वीडियो बनाया और पुलिस को सूचना दी।
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