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MP Vidhansabha : वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश किया लेखानुदान, 13 फरवरी को 4 घंटे तक होगी चर्चा; जानें किस विभाग को कितनी राशि मिली

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश कर दिया है। करीब एक लाख करोड़ का लेखानुदान होगा। इस पर 13 फरवरी को चर्चा होगी। इसमें सरकार चार महीने के खर्च और कमाई का ब्योरा रखेगी। लेखानुदान 1,45,229.55 करोड़ का पेश किया गया।

इसे लेकर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि इस अंतरिम बजट में गरीब, मजदूर, किसान, महिलाएं, युवा सभी के विकास का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह अंतरिम बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर बनाया गया है। इसमें सबका साथ, सबका0 विकास और सबका विश्वास की झलक दिखाई देगी।

1,45,229 करोड़ रुपए का लेखानुदान प्रस्तुत

  • वित्तीय वर्ष के लिए बजट में सम्मिलित राशि – 3,48,986.57 करोड़
  • लेखानुदान के लिए धनराशि – 1,45,229.55 करोड़
  • लेखानुदान राशि में मतदेय राशि – 1,19,453 05 करोड़

जानें किस विभाग को मिली कितनी राशि

  • अंतिरम बजट में कृषि विभाग के लिए 9588 करोड़ रुपये का प्रावधान
  • महिला बाल विकास के लिए 9360 करोड़ रुपए
  • उच्च शिक्षा विभाग के लिए 1240 करोड़ रुपए
  • पंचायत विभाग के लिए 4228 करोड़ रुपए
  • जनसंपर्क विभाग के लिए 289 करोड़ रुपए
  • ग्रामीण विकास के लिए 5100 करोड़ रुपए
  • नगरीय विकास के लिए 4654 करोड़ रुपए
  • परिवहन विभाग के लिए 62 करोड़ रुपए
  • स्वास्थ्य विभाग के लिए 5417 करोड़ रुपए
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 1228 करोड़ रुपए
  • सहकारिता विभाग के लिए 443 करोड़ रुपए
  • ऊर्जा विभाग के लिए 4059 करोड़ रुपए
  • गृह विभाग के लिए 4274 करोड़ रुपए

विधानसभा अपडेट्स…

कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत का बयान, बोले- नोटिस भेजना बीजेपी का चुनाव का हिस्सा बन गया है, BJP बदले की भावना से काम कर रही है।

कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना बोले- यहां के कोई किसान जत्थे में नहीं जा रहे, हमारा किसान पूरी तरह संतुष्ट है, हमारा किसान उत्तर प्रदेश और हरियाणा की बातों में आने वाला नहीं है, हमारा किसान बड़ा जागरुक और समझदार है।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा बोले- कोई भी नोटिस, जो संवैधानिक संस्थाएं हैं, उनकी कोई भी गतिविधियों में न तो दल लिप्त होता है न शासन लिप्त होता है, उनकी अपनी जानकारी, सोर्स और एक्शन होता है। न वो कुछ पूछते हैं और न हम कुछ समझते हैं। उनका अपना दायित्व है, निर्वाचन आयोग का अपना दायित्व निर्वाह करता है। आयकर विभाग अपना दायित्व निर्वाह करता है। न्याय पालिका अपना दायित्व निर्वाह करती है। सब हमसे नहीं चलते। कांग्रेस चलाती होगी। लेकिन, हमारी सरकार में सभी स्वतंत्र हैं, जिनके पास जो दायित्व हैं, वो अदा करो।

कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया बोले- जिस तरह से यह सरकार डरी हुई है, नरेंद्र मोदी जी कल झाबुआ आए, उनसे हमने मांग की; झाबुआ जिले को नर्मदा का पानी मिले, युवाओं के लिए यूनिवर्सिटी बने। लेकिन, शाम आते-आते उन्होंने आयकर का नोटिस थमा दिया। अगर वो यह सोचते हैं कि हम डर जाएंगे तो हम डरने वाले नहीं है, डटकर सामना करने वाले लोग हैं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। जो भी उन्होंने जवाब मांगे हैं, पूरी ताकत से देंगे। 21 तारीख को उन्होंने दिल्ली में पेश होने के लिए बोला है, हम वहां पेश होकर जो सवाल किए जाएंगे उसके जवाब भी प्रस्तुत करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बोले- आयकर विभाग अगर नोटिस दे रहा है तो ठीक है, यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन पांच साल पहले के जवाब आज क्यों मांगे जा रहे हैं। चुनाव आ गए तो दबाव बनाने की राजनीति हो रही है। IT के माध्यम से भाजपा सरकार कांग्रेस के नेताओं को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मोदी की कोई गारंटी पूरी नहीं हो रही है। जमीन पर दिखे तब तो गारंटी पूरी होना माना जाएगा। घोषणाएं कहां पूरी हो रही है।

उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे बोले- पुराना बजट खर्च नहीं हुआ, अनुपूरक क्यों लाया जा रहा है, लेखानुदान का विरोध किया जाएगा।

कांग्रेस नेताओं को नोटिस मिलने पर बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन बोले- उन्हें नोटिस का जवाब देना चाहिए, राजनीतिक द्वेष से नोटिस नहीं दिए जाते, मुझे भी कई बार नोटिस मिले।

 

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