
बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ‘यूपी टाइप’ बयान पर सियासत शुरू हो गई है। चुनावी मौसम में कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने की रणनीति में जुट गई है। कांग्रेस का कहना है कि वित्त मंत्री ऐसा कहकर यूपी की जतना का अपमान कर रहीं हैं।
प्रियंका गांधी : अपमान करने की क्या जरूरत थी?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा- ‘ निर्मला सीतारमण जी आपने यूपी के लिए बजट के झोले में कुछ डाला नहीं, ठीक है…लेकिन यूपी के लोगों का इस तरह अपमान करने की क्या जरूरत थी? समझ लीजिए, यूपी के लोगों को ‘यूपी टाइप’ होने पर गर्व है। हमको यूपी की भाषा, बोली, संस्कृति और इतिहास पर गर्व है।’
#यूपी_मेरा _अभिमान की शुरुआत
वित्त मंत्री की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर ही #यूपी_मेरा _अभिमान की शुरुआत कर दी है। यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर लिखा गया- ‘निर्मला सीतारमण ने अपने शर्मनाक बयान से न सिर्फ यूपी के बौद्धिक इतिहास और चेतना को, बल्कि समूचे प्रदेश की जनता को अपमानित किया है। यूपी की जनता इस अपमान का बदला जरूर लेगी।’
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, राहुल गांधी ने बजट पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी सरकार का बजट शून्य जैसा है। इसमें सैलरी क्लास, मिडिल क्लास, युवाओं, गरीब-वंचित, किसानों और MSME सेक्टर के लिए कुछ भी नहीं है। प्रेसवार्ता में जब निर्मला सीतारमण से राहुल गांधी के बयान को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से जवाब देने को कहा।
राहुल गांधी को समझ में नहीं आता बजट : वित्त राज्य मंत्री
इस पर चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी को बजट समझ में नहीं आया है। बजट में सभी सेक्टर्स के लिए घोषणाएं की गई हैं। इसके बाद मंत्री पंकज चौधरी की बात को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘चौधरी ने टिपिकल यूपी टाइप जवाब दिया है। मुझे लगता है यूपी से भागने वाले सांसद (राहुल गांधी) के लिए इतना काफी है। राहुल ने जिन कैटेगरी का जिक्र किया है, उनके बारे में मैनें बजट में कुछ न कुछ कहा है।’
वित्त मंत्री ने कहा मुझे दया आती है…
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि मुझे उस पार्टी पर दया आती है, जिसके पास एक ऐसा नेता है, जो केवल टिप्पणी करना जानता है। मैं आलोचना झेलने के लिए तैयार हूं, लेकिन उनसे नहीं जो बिना होम वर्क किए आते हैं। राहुल को पहले कांग्रेस शासित राज्य जैसे महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में कुछ करना चाहिए, फिर इसके बारे में बात करनी चाहिए।