
रेप केस के दोषी आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। राजस्थान हाई कोर्ट ने इलाज के लिए आसाराम की 7 दिन की पैरोल मंजूर की है। आसाराम ने अपनी तबीयत का हवाला देते हुए कोर्ट में पैरोल दिए जाने की गुहार लगाई थी।
जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले आसाराम की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे जोधपुर एम्स में भर्ती कराया था। आसाराम को 2018 में जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग से बलात्कार का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
बाप-बेटे पर लगा था रेप का आरोप
आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर सूरत की रहने वाली दो बहनों ने बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में आसाराम के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी थी। हालांकि इस मामले में ट्रायल पिछले लम्बे वक्त से नहीं हो रहा था। आसाराम को एक अदालत ने 2013 में अपने आश्रम की नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाया था। लड़की का आरोप था कि आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार किया। 2013 से ही जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उसे 2018 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं आसाराम के बेटे नारायण साईं फिलहाल सूरत की लाजपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया था, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी। मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।