
हिंदी सिनेमा की मशहूर बायोपिक ‘नाचे मयूरी’बनाने वाले निर्देशक टी रामा राव का चेन्नई में निधन हो गया है। तमिल, तेलुगु और हिंदी में 70 फिल्मों का निर्देशन करने वाले रामा राव ने 83 की उम्र अंतिस सांस ली। उम्र से संबंधित बीमारी के कारण उनका निधन हुआ है। परिजनों ने एक बयान जारी कर इसकी सूचना दी।
अनुपम खेर ने ट्वीट कर जताया दुख
अनुपम खेर ने रामा राव के निधन पर ट्वीट कर अपना दुख जताया। उन्होंने लिखा कि, फिल्म निर्माता और प्रिय मित्र टी रामा राव के निधन के बारे जानकर गहरा दुख हुआ। मुझे उनके साथ आखिरी रास्ता और संसार में काम करने का सौभाग्य मिला था। वह दयालु, आज्ञाकारी और बढ़िया सेंस ऑफ ह्यूमर वाले व्यक्ति थे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति
कैसे की थी करियर की शुरूआत?
टी रामा राव ने 1950 के अंत में अपने चचेरे भाई तातिनेनी प्रकाश राव और कोटय्या प्रत्यागत्मा के सहायक निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने 1966 और 2000 के बीच कई हिंदी और तेलुगू फिल्मों का निर्देशन किया था। निर्देशक टी रामा राव और जयाप्रदा अभिनीत 1977 में आई ब्लॉकबस्टर ‘यमगोला’ उनकी सबसे बढ़िया फिल्मों से एक है। उनकी अन्य लोकप्रिय तेलुगू फिल्मों में ‘जीवन तरंगल’, ‘अनुराग देवता’ और ‘पचानी कपूरम’ शामिल हैं।
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1979 में हुई हिंदी फिल्मों में एंट्री
रामा राव ने 1979 में हिंदी फिल्मों में प्रवेश किया और अमिताभ बच्चन, जीतेंद्र, धर्मेंद्र, संजय दत्त, अनिल कपूर, मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर और गोविंदा के साथ काम किया। उन्होंने ही रजनीकंत को फिल्म अंधा कानून से हिंदी सिनेमा में प्रवेश कराया था। ‘अंधा कानून’, ‘एक ही भूल’, ‘मुझे इंसाफ चाहिए’ और ‘नाचे मयूरी’, ‘हथकड़ी’, ‘दोस्ती दुश्मनी’ उनकी कुछ लोकप्रिय हिंदी फिल्में हैं।
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