भोपालमध्य प्रदेश

मानव अधिकारों की रक्षा करना प्रत्येक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी का कर्तव्य : डीजीपी

महिला सुरक्षा शाखा द्वारा आयोजित ‘चेतना’ कार्यशाला का समापन

भोपाल। मानव अधिकारों की रक्षा करना हर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी का कर्तव्य है।  ह्यूमन ट्रैफिकिंग अत्यंत संवेदनशील और रेलेवेंट मुद्दा है। इससे पीड़ित व्यक्ति का हर पल शोषण होता है। इस अनैतिक व्यापार पर नियंत्रण के लिए हमें निरंतर प्रयास करने होंगे। यह बात डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने कही।

डीजीपी सक्सेना मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों और रेलवे की मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई के नोडल अधिकारियों के लिए पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा द्वारा आयोजित ‘चेतना’ (कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप ऑन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) कार्यशाला के समापन सत्र में बोल रहे थे। कार्यशाला के दूसरे दिन राष्ट्रीय वक्ताओं और पुलिस अधिकारियों ने शारीरिक शोषण और देह व्यापार को रोकने के दौरान आने वाली चुनौतियों और अनैतिक दुर्व्यापार (निवारण) अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बेटर इन्वेस्टिगेशन और बेटर प्रॉसिक्यूशन पर ध्यान दे पुलिस : डीजीपी

डीजीपी सक्सेना ने कहा- जब मैंने प्रतिभागियों से कार्यशाला के संबंध में चर्चा की तो सभी बेहद खुश नजर आए। उन्होंने इस वर्कशॉप को काफी उपयोगी और जानकारीपरक बताया। डीजीपी ने कहा कि भारत में अन्य देशों से भी ह‌्यूमन ट्रैफिकिंग की जाती है और अन्य देशों में भी यहां से मानव तस्करी होती है। पुलिस किसी भी अपराध के बाद फर्स्ट रिस्पॉन्डर होता है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक लगाने के लिए हमें कैपिसिटी बिल्डिंग की ओर विशेष ध्यान देना होगा।

डीजीपी ने कहा- हमें इस अनैतिक दुर्व्यापार के बारे में पूरी जानकारी, कानूनी पेचीदगियों और प्रोटोकॉल का ध्यान रखना होगा। कैपेसिटी बिल्डिंग एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इस समस्या को दूर करने के लिए हमें भी संवेदनशील होने की आवश्यकता है। यदि हमें पीड़ित की मदद करनी है तो बेटर इन्वेस्टिगेशन और बेटर प्रॉसिक्यूशन पर ध्यान देना होगा। इस दौरान एसआईएएफ के सहायक पुलिस महानिरीक्षक डॉ.वीरेंद्र मिश्रा ने भी उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया। सागर जिले के बीना की एडिशनल एसपी ज्योति ठाकुर ने नाबालिगों के यौन शोषण विषय पर केस स्टडी प्रस्तुत की।

महिला को बचा पाएं तो जीवन सार्थक :- डॉ.कृष्णन

कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रसिद्ध समाजसेवी और पद‌मश्री से सम्मानित डॉ.सुनीता कृष्णन ने मानव दुर्व्यापार की भयावहता के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस अनैतिक व्यापार को रोकने के दौरान कई प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं। लड़कियों को शादी करने का झांसा देने के कई मामले सामने आते हैं। ये मामले सिर्फ देश में ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर सामने आते हैं, जिनमें पहले लड़की खुशी-खुशी आरोपियों के साथ जाती हैं और बाद में उनके जाल में फंस जाती हैं। बाद में उन्हें डरा-धमकाकर देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता है। इस अनैतिक दुर्व्यापार में कदम रखने के पश्चात लड़की अपना आत्मविश्वास और पहचान पूरी तरह से खो देती हैं और शराब, ड्रग्स आदि की लत का शिकार हो जाती हैं। वे किसी भी अन्य पर यहां तक कि पुलिस और उनके हित में कार्य करने वालों पर भी विश्वास नहीं कर पाती हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाना अत्यंत दुष्कर कार्य होता है। अपने जीवन में एक भी महिला को यदि आप इस अनैतिक व्यापार में जाने से बचा लेते हैं तो आपका जीवन सार्थक हो जाएगा।

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