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ईदगाह हिल्स की मीनाक्षी रीजेंसी के 48 परिवार खौफ मेंं…क्योंकि पास की बिल्डिंग की नींव खोखली

बारिश में जर्जर इमारतों से हादसे का खतरा बढ़ा

भोपाल। बारिश शुरू होने के साथ ही राजधानी में जर्जर इमारतों और उसके आसपास रहने वालों की रातों की नींद गायब हो गई है। ऐसा ही कुछ हाल ईदगाह हिल्स स्थित मीनाक्षी रीजेंसी बिल्डिंग में रहने वाले 48 परिवारों का है। इस बिल्डिंग के ठीक सामने स्टार रेसिडेंसी है। करीब 30 साल पुरानी इस बिल्डिंग की नींव खोखली हो चुकी है। मेंटेनेंस नहीं होने से यह खतरनाक होती जा रही है। इससे सामने की बिल्डिंग में रहने वाले दहशत में हैं।

मीनाक्षी रीजेंसी के सचिव रविंद्र बिजलानी ने बताया कि हमारी बिल्डिंग के ठीक सामने बनी बिल्डिंग की नींव खोखली हो गई है। नीचे का मलबा धीरे-धीरे निकल रहा है और कभी भी हादसा हो सकता है। इसकी शिकायत कई बार नगर निगम और संबंधित अधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। उनका आरोप है कि हादसे के बाद ही नगर निगम और जिला प्रशासन जागता है। रहवासियों ने बताया कि बीते साल तेज बारिश में स्टार रेसिडेंसी बिल्डिंग के नीचे की बाउंड्रीवॉल ढह गई थी। इसमें एक कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। तब भी बिल्डिंग समिति को बताया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

शहर में 3 हजार से अधिक जर्जर इमारतें

जानकारी के अनुसार, शहर में 3 हजार से अधिक मकान और इमारतें जर्जर स्थिति में हैं। इनमें से अधिकतर इमारतें पीर गेट, जुमेराती, हमीदिया रोड, चौक बाजार, इमामी गेट जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में हैं। कई में तो परिवार भी रह रहे हैं। नगर निगम को इन बिल्डिंग्स में रहने वालों की फिक्र तब होती है, जब कोई बड़ा हादसा होता है। पिछले दिनों इंदौर में बावड़ी हादसे के बाद निगम ने आनन- फानन में शहर में जर्जर मकानों, खुले बोरवेल, कुओं और ओवरहैड टैंकों का सर्वे कर उन्हें ढहाने की तैयारी की थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं।

पार्षद से आयुक्त तक शिकायत, सुनवाई नहीं

बीते साल बारिश में स्टार रेसिडेंसी बिल्डिंग की दीवार ढह गई थी। सीवेज लाइन लीकेज होने से लगातार पानी बहता है, जिससे इसकी नींव खोखली हो गई है। निगम अधिकारियों सहित पार्षद से लिखित और मौखिक शिकायत की। पार्षद को मौके पर भी बुलाया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लग रहा है निगम को हादसे का इंतजार है। -डॉ. अन्नू गौर, मीनाक्षी रीजेंसी

रहवासियों में इतना खौफ है कि हम न तो यहां कार पार्क करते हैं और न ही बच्चों को खेलने देते हैं। वार्ड और जोन के अधिकारियों सहित निगम आयुक्त तक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जिस बिल्डिंग की नींव कमजोर हो रही है, उसके रहवासियों का कहना है कि उनके पास पैसा नहीं कि वह उसे दुरुस्त करा सकें। -रमेश मोतियानी, मीनाक्षी रीजेंसी

खतरनाक इमारतें तोड़ी जाएंगी

शहर में जर्जर मकान, ओवरहेड टैंक, खुले बोरवेल, बावड़ी और कुओं को चिह्नित किया गया है। जो भी बिल्डिंग्स खतरनाक स्थिति में हैं, उन्हें तोड़ा जाएगा। जो मरम्मत से ठीक हो सकती हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी। -वीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम

हादसों से भी सबक नहीं

1. 18 मार्च 2018 को इंदौर के सरवटे बस स्टैंड पर 80 साल पुराना होटल ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद निगम ने आनन-फानन में सर्वे कर 977 जर्जर मकानों को चिह्नित किया था। यह भी बताया गया था कि इनमें 4,000 लोग रहते हैं, लेकिन कार्रवाई एक पर भी नहीं हुई।

2. वर्ष 2012 में साईंबाबा नगर में ओवरहेड टैंक गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय नगर निगम ने आनन-फानन में सर्वे कराया था। इस सर्वे में 246 मकान और 36 ओवरहेड टैंक चिह्नित किए गए थे। इनमेें से सिर्फ 5 ओवरहेड टैंकों को ढहाया गया। वहीं 246 जर्जर मकानों में से 4 अपने आप ढह गए। बाकी को हर साल निगम ढहाने का सिर्फ नोटिस जारी करता है।

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