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MP Budget Session 2023 : महू में आदिवासी युवती के मौत के मामले में सदन में हंगामा, कांग्रेसियों ने वॉकआउट किया

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज 9वां दिन है। सदन में महू में आदिवासी युवती की मौत के मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा। इसके बाद कांग्रेसियों ने हंगामा शुरू कर दिया। गहमागहमी और हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।

कांग्रेस विधायक विजय लक्ष्मी साधौ ने महू घटना को लेकर कहा- मेरे क्षेत्र की वो लड़की थी, जो कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रही थी। उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ, कहने में भी मुझे शर्म आ रही है और उसकी हत्या हुई है। जहां पर यह घटना घटित हुई ग्राम गवली पलासिया में वहां पर मृतक के परिजन और क्षेत्र के लोग डोंगरगांव थाने में गए। 3-4 घंटे तक उनकी FIR दर्ज नहीं की गई। फिर कुछ लोगों ने जाकर प्रशराइज किया, तब उन्होंने आंसू गैस के गोले छोड़े ऐसा गृह मंत्री ने बताया। उन्होंने यह भी बताया कि आंसू गैस के गोले हवा के कारण इधर-उधर हो गए। भाई रुख अगर इधर-उधर हो गया तो आपके पास लाठियां थीं। आपने लाठियां नहीं चलाईं, सीधे सीने में गोली मार दी।

महू की घटना मध्य प्रदेश के लिए बड़ा कलंक : कमलनाथ

कार्यवाही शुरू होने से पहले पीसीसी चीफ एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि महू की घटना पूरे मध्य प्रदेश के लिए बड़ा कलंक है। 18 साल में भाजपा सरकार ने यह हासिल किया है कि मध्य प्रदेश को आदिवासी अत्याचार के 13 मुकुट मिले हैं। बाकी 5 बार प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा है। यह NCRB की रिपोर्ट है।

कांग्रेस के विधायकों का दल करेगा जांच

पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल घटनास्थल पर जांच के लिए रवाना हो गया है। जांच दल में कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, झूमा सोलंकी और पांचीलाल मेड़ा शामिल हैं। इंदौर के प्रभारी महेंद्र जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। यह दल घटना की सच्चाई पता करेगा और पीड़ित लोगों से बातचीत करेगा। दल अपनी रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपेगा।

मध्य प्रदेश में हर चीज लीक हो रही : कमलनाथ

कमलनाथ ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने पर कहा कि मध्य प्रदेश में हर चीज लीक रही है, पेपर भी हो रहे हैं, बिल्डिंग भी लीक रही है। मध्य प्रदेश के स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, खंभे में तार नहीं है और तार में बिजली नहीं है।

गृह मंत्री की कांग्रेस को नसीहत

एक दिवसीय उज्जैन दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद कहा कि, महू में हुई घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें दो तरह की बातें सामने आ रही हैं… पति कहते हैं करंट लगने से मौत हुई, जबकि दूसरे संगठन के लोग हत्या की बात कह रहे हैं। कांग्रेसियों का दल महू पहुंच गया है उसको लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कांग्रेस को जनहित के मुद्दों पर राजनीति नहीं करना चाहिए। यह संवेदनशील मुद्दा है। अगर इस पर भी कांग्रेस राजनीति करेगी तो जनता सब समझती है और देश में इसका परिणाम आप देख रहे हैं। कांग्रेस मौत पर रोटी सेंकने का काम करती है।

महू की घटना पर किसने क्या कहा….

जयस नेता और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि मध्य प्रदेश आदिवासियों पर बर्बरता के मामले में देश में नंबर वन पर पहुंच चुका है। NCRB की रिपोर्ट में इस मामले में मुहर लगी है। हाल ही में नेमावर हत्याकांड और महू में आदिवासी बेटी के साथ बर्बरता हुई, यह इस बात पर मुहर लगा रहा है कि यहां पर सरकार का राज नहीं, बल्कि जंगल का राज है। आदिवासियों को यहां भेड़-बकरियों की तरह गोली मारी जा रही है। कल महू में आदिवासियों पर फायरिंग भी हुई है, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। फायरिंग का आदेश किसने दिया है ? अगर मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने दिया है या फिर जिस किसी ने भी दिया है उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

 

कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं के ऊपर अपराध कर रही है। आदिवासियों पर जब भी अत्याचार होता है तो जो सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए सरकार को उसकी बजाए वो पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने का काम करती है। जो लोग आंदोलन करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। यह घोर निंदनीय है। सरकार का यह रवैया बिलकुल आदिवासी विरोधी है। जिस तरह से आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है। इससे सरकार का मुखौटा सामने आ जाता है कि सरकार कहती कुछ और है, और करती कुछ और है।

पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने महू घटनाक्रम पर कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। एक आदिवासी बच्ची का सामूहिक बलात्कार किया गया, उसकी हत्या की गई। उसी कारण आदिवासी आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की। एक लड़के की मौत हो गई। पूछना चाहूंगा गृह मंत्री, मुख्यमंत्री से कि किसके कहने पर आदेश दिए गए थे पुलिस को फायरिंग करने के लिए। आंदोलन होते हैं, सामाजिक संगठन भी करते हैं, लेकिन ऐसा क्यों होता है… जब आदिवासी आंदोलन करते हैं तो फायरिंग होती है, उत्तर दें। आदेश कहां से मिले यह अकेला उदाहरण नहीं है। आदिवासियों के साथ भाजपा सरकार में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं।

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