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इंदौर: आदिवासी युवती की मौत मामले ने लिया राजनीतिक रूप, पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस विधायकों का जांच दल रवाना

इंदौर। महू में बुधवार रात एक आदिवासी युवती की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या मामले में अब राजनीतिक रंग देखने को मिल रहा है। पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल घटनास्थल पर जांच के लिए रवाना हो गया है। वहीं इस पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को जनहित के मुद्दों पर राजनीति नहीं करना चाहिए। मामला महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र का है।

ग्रामीण क्षेत्र में धारा 144 लागू

महू के पास डोंगरगांव में युवती की मौत के बाद गुस्साए परिजनों के हंगामे के बाद धारा 144 लगा दी गई है। आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि, थाने में परिजनों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी की युवती की करंट लगने से मौत हुई है। पुलिस ने तुरंत पोस्टमार्टम के बाद 302 का मामला दर्ज किया था। बुधवार देर रात गुस्साए परिजनों ने आरोपी को स्वयं सजा देने की बात कही। इस दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने बवाल भी मचाया। युवती की उम्र 22 साल की थी और उसकी करंट लगने से ही मौत हुई थी।

गृह मंत्री की कांग्रेस को नसीहत

एक दिवसीय उज्जैन दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद कहा कि, महू में हुई घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। पति कहते हैं करंट लगने से मौत हुई, जबकि दूसरे संगठन के लोग हत्या की बात कह रहे हैं। कांग्रेसियों का दल महू पहुंच गया है उसको लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कांग्रेस को जनहित के मुद्दों पर राजनीति नहीं करना चाहिए। यह संवेदनशील मुद्दा है। अगर इस पर भी कांग्रेस राजनीति करेगी तो जनता सब समझती है और देश में इसका परिणाम आप देख रहे हैं।

कांग्रेस के विधायकों का दल करेगा जांच

पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल घटनास्थल पर जांच के लिए रवाना हो गया है। जांच दल में कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, झूमा सोलंकी और पांचीलाल मेड़ा शामिल हैं। इंदौर के प्रभारी महेंद्र जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। यह दल घटना की सच्चाई पता करेगा और पीड़ित लोगों से बातचीत करेगा। दल अपनी रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपेगा।

CM ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

मऊ की घटना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

क्या है पूरा मामला

धार जिले के धामनोद क्षेत्र में रहने वाली युवती की बडगोंदा थाना क्षेत्र में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मृतक युवती के परिजनों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि उनके परिवार की लड़की के साथ पाटीदार समाज के युवकों ने गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी है। पुलिस ने आदिवासी लोगों की रिपोर्ट नहीं लिखी। पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों को शव सौंपा गया, तो उन्होंने शव रखकर चक्काजाम किया और आरोपियों को समाज के लोगों को सौंपने की बात कही। जिस पर पुलिस ने कानून अपने हाथ में न लेने की बात कही। पुलिस का कहना था कि, FIR हो चुकी है और आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लेकिन आदिवासी समाज के लोग नहीं माने और डोंगरगांव पुलिस चौकी को चारों तरफ से घेर लिया।

फायरिंग में युवक की मौत

आदिवासी युवती की मौत से गुस्साए लोगों ने बुधवार देर रात महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र की डोंगरगांव पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की। घटना के बाद चार थाना क्षेत्रों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया वहीं एसडीएम तहसीलदार सहित कई बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। लेकिन आदिवासी लोगों का आक्रोश देखने के बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही हवाई फायर भी किए। इस पूरी घटना में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई। जिस युवक की मौत हुई है, उसकी पहचान 18 वर्षीय आदिवासी युवक भेरूलाल के रूप में हुई है। युवक छोटी जाम का रहने वाला बताया जा रहा है।

मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान

कलेक्टर ने इस घटना को दुखद बताते कहा है कि, मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हर संभव मदद की जा रही है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत 4 लाख रुपए एवं रेडक्रॉस की ओर से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद से प्रभावित परिवार को दी जा रही है।

(इनपुट- हेमंत नागले)

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