ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

‘संजीवनी क्लीनिक में स्टाफ नहीं, बदनामी निकाय की होती है’

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अफसरों को निर्देश दिए- नागरिकों को मिलें बुनियादी सुविधाएं

भोपाल। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभाग के अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि संजीवनी क्लीनिक शहरों में बना तो दीं, लेकिन उनमें स्टाफ ही नहीं है। चलती तो हैं नहीं, ऐसे में बदनाम तो निकाय होते हैं। लोगों को यह थोड़ी पता है कि संजीवनी क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग चलाता है। मंत्री ने कहा- या तो उसे ठीक से चलाओ, नहीं तो हेल्थ विभाग से इस संबंध में बात करो। मैं भी स्वास्थ्य मंत्री से बात करूंगा। मंत्री विजयवर्गीय ने बुधवार को मंत्रालय और विभाग के डायरेक्ट्रेट में औचक निरीक्षण किया। उन्होंने यहां एकएक अधिकारी और कर्मचारी से उनके काम और योजनाओं के संबंध में जानकारी ली।

अफसरों से सवाल

मंत्री ने एक महिला इंजीनियर से सवाल किया कि- आप किस पद पर हैं और क्या देखती हैं। इंजीनियर ने बताया कि वे संजीवनी क्लीनिक के निर्माण का काम देखती हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ आवास और अन्य प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ने से निकायों ने उन कामों को रोक दिया है, क्योंकि निकायों के पास बजट नहीं है। यह भी बताया गया कि कई ऐसे हितग्राही हैं, जिन्होंने राशि तो ले ली है, लेकिन आवास निर्माण नहीं कर रहे हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि नगरीय निकायों के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं निरंतर रूप से मिलें।

चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में नहीं हो कटौती

मंत्री ने निर्देश दिए कि नगरीय निकायों को देय चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से राज्य स्तर पर कटौती नहीं की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मूलभूत राज्य वित्त आयोग, सड़क अनुरक्षण और मुद्रांक शुल्क की एक हजार करोड़ राशि जल्द जारी की जाए।

मेट्रो रेल के लिए जारी हो 350 करोड़ रुपए

मंत्री ने यह भी कहा कि मेट्रो रेल के संबंध में 350 करोड़ रुपए की स्वीकृत राशि के लिए राज्य का अंश शीघ्र जारी किया जाए। बैठक में न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दिए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव को वित्त द्वारा एक हμते में निराकरण के निर्देश दिए।

नगरीय विकाय के संबंधित संकल्प-2023 पर कार्यवाही

बैठक में निर्देश दिए गए कि नगरीय विकास से संबंधित संकल्प-2023 पर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये लंबित प्रस्तावों पर वित्त विभाग शीघ्र निर्णय लेकर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। बैठक में सचिव वित्त ज्ञानेश्वर पाटिल, आयुक्त भरत यादव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

संबंधित खबरें...

Back to top button