
नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत हो गई। इनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मौत की पुष्टि की है। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। अधिकारियों ने बताया कि, प्लेटफॉर्म पर कुंभ जाने वाले यात्रियों की भीड़ क्षमता से बहुत ज्यादा हो गई थी।
स्टेशन पर शाम 4 बजे से ही भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें लेट हो गईं, जिसकी वजह से भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई। वहीं हादसे के बाद रेलवे ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, हादसा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी रात करीब 9:30 बजे हुआ। महाकुंभ जाने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 पर लोगों की काफी भीड़ थी। प्रयागराज के लिए जाने वाली दो स्पेशल ट्रेनें स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रहीं थीं। इस कारण स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए थे, लोग अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। प्लेटफॉर्म नंबर-13 पर खड़े लोगों ने जब देखा कि प्लेटफॉर्म नंबर-14 और 15 पर ट्रेन आई है तो वे उधर दौड़ने लगे। जिसकी वजह से भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक, घटना के बाद घायलों को सहायता मुहैया कराने में करीब 45 मिनट का वक्त लग गया।
किस राज्य के थे मृतक
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 यात्रियों की दम घुटने से मौत हो गई। इनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मौत की पुष्टि की है, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, मृतकों में 9 बिहार के, दिल्ली के 8 और एक हरियाणा का है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अलग-अलग दावे
- हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं।
- किसी ने बताया कि, हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13-14 पर हुआ तो किसी ने पुल पर भगदड़ की बात कही है।
- कोई कह रहा है कि, ट्रेन के प्लेटफॉर्म चेंज होने के अनाउंसमेंट की वजह से अफरा-तफरी मची तो किसी ने कहा कि, किसी तरह का कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ। लोग दूसरे प्लेटफॉर्म पर खड़ी ट्रेन को देखकर उसकी ओर भागने लगे।
घटना को लेकर सामने आई ये बड़ी वजह
तीन ट्रेनें प्रयागराज जा रही थीं : प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी, और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, तीनों ही प्रयागराज जाने के लिए थीं।
दो ट्रेनें लेट थीं : भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस लेट थीं, इन दोनों ट्रेनों में देरी की वजह से प्लेटफॉर्म-14 पर बहुत भीड़ जमा हो गई थी।
प्रयागराज स्पेशल ट्रेन का आगमन : जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई, तब यह अनाउंसमेंट हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म-16 पर आ रही है।
भीड़ का भागना : जैसे ही यह जानकारी मिली, प्लेटफॉर्म-14 पर मौजूद लोग जल्दी से प्लेटफॉर्म-16 की तरफ भागे।
टिकट काउंटर पर भीड़ : टिकट काउंटर पर भीड़ थी और 90% लोग प्रयागराज जाने के लिए थे। अनाउंसमेंट सुनते ही लोग बिना टिकट प्लेटफॉर्म की तरफ दौड़े।
भगदड़ की स्थिति : इस अचानक बदलाव से भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए प्लेटफॉर्म की तरफ दौड़े।
कुंभ यात्रा का भी असर : वीकेंड पर कुंभ यात्रा के लिए आने वालों की भीड़ बढ़ने लगी थी, लेकिन स्टेशन प्रशासन ने इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।
कोई नियंत्रण कक्ष नहीं था : स्टेशन प्रशासन ने कोई नियंत्रण कक्ष (control room) नहीं बनाया था, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किल हुई।
चश्मदीदों के बयान
पुलिस का बयान:
पुलिस ने लोगों से कहा कि, अगर अपनी जान बचानी है तो वापस लौट जाएं। पुलिस ने यह भी कहा कि आपकी जान बच गई है, पैसे का नुकसान नहीं हुआ है।
कन्फर्म टिकट वाले भी परेशान:
प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया ने बताया कि, उनके पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का स्लीपर टिकट था, लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि वे मुश्किल से बाहर निकल पाए।
ट्रेनों के रद्द और देरी से बढ़ी भीड़:
धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि, दो ट्रेनें पहले से देरी से चल रही थीं और कुछ ट्रेनें रद्द हो गईं थीं। इसके कारण स्टेशन पर भीड़ और बढ़ गई थी। उन्होंने बताया कि, उन्होंने पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी और छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।
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