
बेंगलुरु। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में कर्नाटक के शिवमोगा से एक और आरोपी को हिरासत में लिया है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया कि NIA ने विस्फोट के सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता को हिरासत में लिया है। हालांकि, एनआईए ने अपनी प्रेस रिलीज में ऐसी किसी जानकारी का जिक्र नहीं किया है। उसके अलावा एक मोबाइल दुकान के मालिक से भी एनआईए ने पूछताछ की है।
एनआईए ने जिस कथित बीजेपी कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है उसका नाम साई प्रसाद है। इसे भी इस ब्लास्ट केस के मास्टरमाइंड मुजम्मिल शरीफ का सहयोगी माना जा रहा है। छानबीन में ये सामने आया है कि मास्टरमाइंड की मां को एक पुलिस इंस्पेक्टर ने भी मदद की थी।
तीर्थहल्ली से हुई गिरफ्तारी
शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले साई प्रसाद को NIA अफसरों ने पूछताछ के लिए पकड़ा। इसके बाद NIA की टीम उसे लेकर तीर्थहल्ली के दो मुस्लिम युवाओं और एक मोबाइल दुकान के मालिक के घर पहुंची। यहां भी NIA की टीम ने तलाशी ली। जांच में सामने आया कि साईं प्रसाद का इन व्यक्तियों से संपर्क था, जिस कारण पूछताछ के लिए उसे हिरासत में ले लिया गया।
साजिश को लेकर नया खुलासा
इस बीच साजिश को लेकर चौंकाने वाले नए खुलासे भी सामने आए हैं। यह हकीकत भी उजागर हुई है कि इस ब्लास्ट के मुख्य साजिशकर्ता की मां को चिकमंगलूर में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने किराए का घर दिलाने में मदद की थी। कैफे विस्फोट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा मुजम्मिल शरीफ मूल रूप से कलसा का रहने वाला है और उसने इस वारदात को अंजाम देने से पहले अपनी मां को चिकमंगलूर भेजा दिया था।
ISIS से हो सकता है कनेक्शन
NIA अब इस एंगल पर भी काम कर रही है कि कैफे पर ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों का कनेक्शन तमिलनाडु के संदिग्ध ISIS आतंकवादियों से तो नहीं है। माना जाता है कि इस केस में वांटेड दो अन्य आतंकी मुसव्विर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा फिलहाल तमिलनाडु में छिपे हुए हैं। जांच में ये भी सामने आया है कि नट, बोल्ट, इलेक्ट्रिक सर्किट और अमोनियम नाइट्रेट जैसी सामग्री का उपयोग कर कृष्णागिरी के जंगलों में बम तैयार किया गया था।
NIA के सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों के ठिकाने से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। जांच एजेंसी द्वारा जारी वांटेड लिस्ट के मुताबिक इस केस के संदिग्ध अब्दुल मतीन अहमद ताहा और मुसव्विर हुसैन शाज़िब पर मुहम्मद जुनैद सैयद ने विग और नकली दाढ़ी से अपनी पहचान छिपाई थी। सीसीटीवी से मिले सुराग के मुताबिक इनमें से मुसव्विर हुसैन शाज़िब मास्टरमाइंड मुजम्मिल शरीफ के इशारे पर तमिलनाडु से यहां पहुंचा था। वह ट्रेन से पहले सिल्क बोर्ड जंक्शन पर उतरा था और वहां से बस के जरिए रामेश्वरम् कैफे गया था।