
32 साल तक देश की सेवा करने के बाद भारतीय नौसेना के जहाज INS अजय को 19 सितंबर को सेवानिवृत्त कर दिया गया। INS अजय को मुबंई स्थित नेवल डॉकयार्ड में डीकमीशन किया गया। इसमें भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं के 400 से अधिक कर्मी मौजूद रहे। समारोह के दौरान नौसेना के इस जहाज से सूर्यास्त के पहले आखिरी बार राष्ट्रीय ध्वज, नौसेना के झंडे और जहाज के डीकमिशनिंग पेनेंट को उतारा गया।
1990 में हुआ था कमीशन
आईएनएस अजय (INS Ajay) को 24 जनवरी 1990 को तत्कालीन सोवियत संघ के पोटी, जॉर्जिया में कमीशन किया गया था, जिसने लगातार 32 साल तक सेवा दी। उसने कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन तलवार और 2001 में ऑपरेशन पराक्रम सहित कई नौसैनिक अभियानों में हिस्सा लिया है। दुश्मन द्वारा किसी भी दुस्साहस के खिलाफ देश की रक्षा के लिए 2017 में उरी हमले के बाद जहाज को फिर से समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
भारतीय नौसेना की P34, जिसे 1961 में ‘INS अजय’ नाम दिया गया था। लंबी दूरी के टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों जैसे हथियारों से लैस होने के कारण आईएनएस अजय को ‘पनडुब्बी हंटर’ के नाम से भी जाना जाता था।
जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर थे मौजूद
वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान समारोह के मुख्य अतिथि थे। जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर वाइस एडमिरल एजी थपलियाल एवीएसएम बार (सेवानिवृत्त) विशिष्ट अतिथि थे।
इस कार्यक्रम में फ्लैग ऑफिसर, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।