अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रतिमा को बम से उड़ाया, बलूच विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी

नई दिल्ली। पाकिस्तान के ग्वादर शहर में रविवार को बलूच विद्रोहियों ने मोहम्मद अली जिन्ना की प्रतिमा को बम से उड़ा दिया। अब प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने इसकी जिम्मेदारी भी ली है। पॉकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षित क्षेत्र माने जाने वाले मरीन ड्राइव पर जून में स्थापित की गई प्रतिमा को रविवार सुबह बलूच विद्रोहियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया। खबर के मुताबिक इस विस्फोट में मूर्ति पूरी तरह नष्ट हो गई।

मामले की जांच की जा रही

वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन बलूच रिपब्लिकन आर्मी के प्रवक्ता बबगर बलूच ने सोशल मीडिया पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। मीडिया संस्थान ने ग्वादर के उपायुक्त मेजर (रिटायर्ड) अब्दुल कबीर खान के हवाले से कहा कि मामले की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है।

अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं

पूर्व मेजर अब्दुल कबीर खान के मुताबिक सभी विद्रोही पर्यटकों के रूप में क्षेत्र में प्रवेश किए थे और विस्फोटक लगाकर जिन्ना की प्रतिमा को नष्ट कर दिया। उनके मुताबिक अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन एक-दो दिन में जांच पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले को सभी एंगल से देखा जा रहा है और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।

सरफराज बुगती ने किया ट्वीट

वहीं बलूचिस्तान के पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान सीनेटर सरफराज बुगती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ग्वादर में कायद-ए-आजम की प्रतिमा को गिराना पाकिस्तान की विचारधारा पर हमला है। मैं अधिकारियों से अपराधियों को उसी तरह से दंडित करने का अनुरोध करता हूं जैसे हमने जियारत में कायद-ए-आजम निवास पर हमले के लिए किया था।

इससे पहले बिल्डिंग को उड़ाया था

इससे पहले साल 2013 में बलूच विद्रोहियों ने जियारत में जिन्ना की 121 साल पुरानी इमारत को विस्फोट कर उड़ा दिया। विस्फोट के कारण बिल्डिंग में आग लग गई थी, जो कि लगभग चार घंटे तक धधकती रही। बता दें कि तपेदिक से पीड़ित होने के कारण जिन्ना ने अपने जीवन के अंतिम दिन वहीं बिताए थे। बाद में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।

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