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कम होगी गेहूं और आटे की कीमत; मोदी सरकार खुले मार्केट में बेचेगी 20 लाख टन गेहूं

नई दिल्ली। गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार एक बार और गेहूं की बड़ी खेप को खुले बाजार में बेचने जा रही है। इसके तहत सरकार 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं को खुले बाजार में बेचा जाएगा। इससे पहले मोदी सरकार ने 25 जनवरी को गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी पर काबू पाने के लिए बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी।

मंत्री समूह ने लिया था बिक्री का फैसला

मंगलवार को जारी एक सरकार के बयान के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि भारतीय खाद्य निगम ( FCI) खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं खुले बाजार में लाएगा। यह स्टॉक ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलों/निजी व्यापारियों/थोक खरीदारों/गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को बेचने के लिए होगा। सूत्रों ने कहा कि गेहूं के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने का प्रस्ताव मंत्रियों के एक समूह ने लिया था। सरकार अब तक 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतार चुकी है। 20 लाख टन और गेहूं खुले बाजार में आने से यह कुल 50 लाख टन हो जाएगा। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों में कमी आएगी।

रिटेल मार्केट में आटे की कीमतें वही

मध्यप्रदेश के बाजारों में अभी भी आटे की खुदरा कीमत में बहुत अधिक कमी नहीं आई है। खुले बाजार में आटा 33 से 35 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। ब्रांडेड आटे की कीमतें 45 से 50 रुपए तक हैं। अनुमान था कि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का स्टॉक रिलीज करने से आटे की कीमतों में लगाम लगेगी, लेकिन खुदरा व्यापारियों ने अभी कीमतों में अपेक्षित कमी नहीं की है।

मई 2022 में रोका था निर्यात

केंद्र सरकार ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। गेहूं की कीमतों में अचानक वृद्धि को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया था। इसका एक्सपोर्ट ‘प्रतिबंधित’ सामानों की कैटेगरी में डाल दिया गया था। हालांकि, कुछ शर्तों के साथ अनुबंधित देशों को इसका निर्यात जारी था।

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