
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जबलपुर में बिजली उपभोक्ताओं के मीटर पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया है। अब बिना क्यूआर कोड स्कैन किए मीटर की रीडिंग नहीं हो सकेगी। इस क्यूआर कोड के जरिए वास्तविक खपत का बिल जारी होने का दावा किया जा रहा है, साथ ही हर घर के वास्तविक लोड की सही जानकारी भी प्राप्त होगी।
होगा लोड का सही आंकलन
बिजली कंपनी को इस प्रक्रिया से एक फायदा यह भी मिलेगा कि उपभोक्ता के घर का लोड अब नए सिरे से तय होगा। कंपनी का मानना है कि उपभोक्ताओं द्वारा बिजली की खपत बढ़ी है, इसलिए कंपनी भार जांचकर उस हिसाब से बिलिंग जारी करने की तैयारी कर रही है।
ट्रांसफॉर्मर लगाने में होगी आसानी
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक जब किसी नए घर में मीटर लगता है तब उसका लोड तय किया जाता है लेकिन आने वाले कुछ सालों में लोड बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि घर में नए-नए बिजली उपकरण लगते रहते हैं, लेकिन लोड पुराना ही चलता रहता है। ऐसे में किसी क्षेत्र विशेष के कुल लोड का सही आंकलन कर पाना संभव नहीं। ऐसे में क्यूआर तकनीक से सही आंकलन कर किसी भी क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर आसानी से लगाए जा सकेंगे और सही सप्लाई दी जा सकेगी।
औसत बिलिंग से कंपनी को होता है नुकसान
बिजली कंपनी का मानना है कि कई उपभोक्ताओं के परिसर पर मीटर रीडर जब पहुंचते हैं तो वहां ताला लगा होता है या उनका मीटर खराब हो जाता है, ऐसे उपभोक्ताओं के बिल एवरेज से कम का जारी होता है, जिससे बिजली कंपनी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसी समस्या से बचने के लिए कंपनी ने भार जांचने का निर्णय लिया है।
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