
मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं बुधवार को ताजा मामला झाबुआ जिले में सामने आया है। जहां पेटलावद तहसील के ग्राम झकनावदा के पटवारी विजय वसुनिया को 4 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। इंदौर लोकायुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। पटवारी ने किसान से राजस्व रिकॉर्ड में नाम परिवर्तन के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
क्या है पूरा मामला ?
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, फरियादी चंद्रशेखर राठौर पुत्र दिनेश राठौर (28) निवासी ग्राम झकनावदा तहसील पेटलावद ने आवेदन दिया था। वह अपने चाचा का कृषि भूमि पर नाम सुधरवाने के लिए लंबे समय से परेशान था। आवेदक के अनुसार उसके चाचा महेश पुत्र गौरीशंकर राठौर के नाम की जमीन में नाम सुधार करवाना था। जिसके लिए पहले वह नायब तहसीलदार फिर तहसीलदार से मिला। लेकिन उनके द्वारा कहा गया कि इसके लिए वह पटवारी से मिले वहीं नाम सुधार करेगा।
आवेदक जब पटवारी विजय वसुनिया से मिला तो नाम सुधार करने के एवज में पटवारी ने 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई। इस संबंध में फरियादी द्वारा कार्यालय पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर में शिकायत की गई थी। सत्यापन उपरांत पटवारी विजय वसुनिया को फरियादी से पहली किश्त के रूप में बुधवार का दिन तय किया गया।
ये भी पढ़ें: विक्टोरिया अस्पताल में लोकायुक्त की कार्रवाई, अकाउंटेंट को 8 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
पहली किश्त लेते ही धराया पटवारी
लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी चंद्रशेखर को रंग लगे हुए रुपए पटवारी को देने के लिए भेजा। पटवारी ने फरियादी को पेटलावद की बरबेटा कॉलोनी में रूम पर बुलाया। जैसे ही पटवारी ने हाथ में रुपए लिए बैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोचा लिया। पटवारी के पास से 4 हजार रुपए रिश्वत के जप्त किए। करवाई में निरीक्षक राजेश ओहरिया, कमलेश परिहार, चेतन परिहार, चंद्रमोहन बिष्ठ, विजय कुमार आदि शामिल थे।