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सेल्फी के चक्कर में न गंवाए होश, बिना रैकी किए अनजान झरनों और लोकेशन पर न जाएं

वॉटर फॉल में हो रहे हादसों पर ट्रैकिंग एक्सपर्ट्स की सलाह, सेल्फी नहीं मौसम को करें एंजॉय

बारिश का मौसम आते ही सोशल मीडिया पर तमाम वॉटर फॉल के वीडियो शेयर होने लगते हैं। कई बार लोग अनजानी जगहों पर वीडियोज देखकर पहुंच जाते हैं। हाल में मुंबई व भोपाल के आसपास वॉटर फॉल के पास कुछ लोगों की जान गईं। देशभर में अलग-अलग जगहों पर ट्रैकिंग करने वालों के मुताबिक अक्सर आम लोग सिर्फ मस्ती में दोस्तों के साथ बिना किसी प्लानिंग के किसी भी लोकेशन पर पहुंच जाते हैं और सेल्फी के चक्कर में अपनी जान को खतरे में डालते हुए पानी के बीचों बीच या झरने के नीचे पहुंच जाते हैं। ऐसी जगहों पर काई वाली चट्टाने, फिसलन और कीचड़ भरे रास्तों के अलावा दलदल होते हैं। ट्रैकिंग एक्सपर्ट के मुताबिक किसी भी जगह पर जाने से पहले उसकी रैकी कर लें और पानी में न उतरे क्योंकि यही सबसे खतरनाक स्थिति होती है। ऐसी जगहों पर फोटोग्राफी पर फोकस करने की बजाए नेचर को एंजॉय करने पर ध्यान दें।

निर्देशों का करें पालन

यदि वाकई आप मानसून ट्रैकिंग करना चाहते हैं तो ट्रैकिंग ग्रुप को जॉइन करें जो पूरी सावधानी व गाइडलाइन के साथ नेचर एंजॉय करने का मौका देते हैं, लेकिन यदि खुद से स्तर पर जाने का प्रयास कर रहे हैं तो परिवार व अपनी जान को जोखिम में न डालें बल्कि तय करें कि कोई भी पानी या फिसलन वाली चट्टान पर नहीं चढ़ेगा।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक मानसून ट्रैकिंग में इन बातों का रखें ध्यान

  • लोकल गांव वाले को साथ लेकर जाएं।
  • अपने साथ बैगपैक जरूर रखें।
  • वॉटरप्रूफ कपड़े, रेनकोट, विंडशीटर रखें।
  • सामान्य जूतों की बजाए स्पोर्ट्स शूज या बूट पहने।
  • कीटनिरोधी स्प्रे साथ में रखें।
  • रस्सी, टॉर्च, हैड टॉर्च और हाइकिंग स्टीक साथ लें ताकि संतुलन बना रहे।
  • मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करें।
  • पानी में न उतरे बल्कि दूर से ही नजारे देखें।
  • तैरना आता हो फिर भी किनारे पर ही रहे।
  • जिपलॉक पैकेट, पानी व पैक्ड फूड साथ में रखें।
  • फर्स्ट एड किट और टूल किट बैग में हो।

उफान आता है इसलिए अनजान जगह न उतरें

मैं रेगुलर साइकिल करते हुए जंगल वाले व ऑफ रोड इलाकों में जाता हूं। मानसून के दौरान अक्सर युवा नहीं बल्कि बड़े उम्र के लोग भी अति उत्साह में सारी समझदारी एक तरफ रखकर पानी में उतर जाते हैं। स्वीमिंग पूल में तैरना और किसी उफान वाले पानी में उतरने में अंतर होता है। हमेशा याद रखें पानी में पैर डालकर तो बैठ सकते हैं लेकिन झरने या नाले में उतरना जोखिम भरा होता है क्योंकि कभी भी पानी का बहाव तेज हो जाता है और ऐसे में संतुलन बिठा पानी नामुमकिन है। -सुदीप दास, ट्रैकिंग एक्सपर्ट

ग्रुप को पानी में उतरने की रहती है मनाही

मानसून ट्रैकिंग रोमांचक है, लेकिन यह मुश्किल भी हो सकती है क्योंकि रास्ते में फिसलन भरी ढलानों और जानवरों का खतरा रहता है। हम जब ट्रैक पर ग्रुप को लेकर जाते हैं तो पहले तीन से चार लोग ट्रैक की रैकी करके आते हैं तो पता चल जाता है कि वो जगह कैसी है। इसके बाद ही ग्रुप को लेकर जाते हैं। लेकिन अक्सर लोग जो गलती करते हैं कि वे सेल्फी को मकसद बनाकर घूमने जाते हैं, जबकि नेचर को देखने व महसूस करने जाना चाहिए। हम अपने ग्रुप को खासतौर पर हिदायत देते हैं कि पानी में पैर डालकर बैठ सकते हैं लेकिन कपड़े उतारकर कोई भी पानी में नहीं उतरेगा क्योंकि अंदर कितने गहरे गड्ढे हैं इसका अंदाजा नहीं होता। -संजय मधुप, इंटरनेशनल ट्रैकर

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