नई दिल्ली। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत दौरे के दौरान वॉशिंगटन पोस्ट की हालिया रिपोर्ट को फर्जी और बेबुनियाद करार दिया है। रिपोर्ट में भारत पर मालदीव के चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था। इस बयान के बाद दोनों देशों ने स्पष्ट किया कि वे अपने मजबूत और दोस्ताना संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर खलील का जवाब
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने शनिवार को एक इंटरव्यू में कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट झूठी और आधारहीन है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग भारत और मालदीव के बीच के मजबूत रिश्तों में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि यह जानकारी उन्हें कहां से मिली।” खलील ने यह भी कहा कि भारत और मालदीव दोनों सरकारें समझती हैं कि उनके रिश्ते आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं।
भारत ने वॉशिंगटन पोस्ट की साख पर उठाया सवाल
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को खारिज किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “आप उनकी एक्टिविटी में एक पैटर्न देख सकते हैं। उनकी साख को लेकर सवाल उठे हैं।” उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के लोकतंत्र और स्थिरता का समर्थन करता आया है।
रिपोर्ट में क्या थे आरोप
30 दिसंबर को प्रकाशित वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने मालदीव के चुनावों में हस्तक्षेप की कोशिश की थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने मालदीव में इब्राहिम सोलिह को समर्थन देकर उन्हें चुनाव जिताने की योजना बनाई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने विपक्षी नेताओं से मिलकर राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने की साजिश रची। इसके लिए 40 सांसदों, सेना और पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भी खारिज की रिपोर्ट
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने वॉशिंगटन पोस्ट के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “भारत ऐसा कभी नहीं करेगा। भारत हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करता आया है। मुझे ऐसी किसी साजिश की जानकारी नहीं है।”
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