धर्म

Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर आज करें इन शिव मंत्रों का जाप, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

आज महाशिवरात्रि का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। आज के दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस वर्ष महाशिवरात्रि की तिथि,शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व आदि के बारे में विस्तार से…

आज के दिन उपवास रखने का है महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर जो शिव भक्त उपवास करते हुए दिनभर शिव आराधना में लीन रहते हैं उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। कष्टों और संकटों का जल्द निवारण हो जाता है। आरोग्यता की प्राप्ति होती है, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। महाशिवरात्रि भगवान शिव की स्तुति करने और कृपा पाने का सर्वोत्तम दिन माना जाता है।

महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है।
प्रथम प्रहर की पूजा- 01 मार्च की शाम को 06 बजकर 21 मिनट रात्रि के 09 बजकर 27 मिनट तक
दूसरे प्रहर की पूजा- 01 मार्च की रात्रि 09 बजकर 27 मिनट से रात्रि के 12 बजकर 33 मिनट तक
तीसरे प्रहर की पूजा- 01 मार्च की रात 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 03 बजकर 39 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा- 02 मार्च की सुबह 03 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक।
पारण का समय- 02 मार्च सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद।

महाशिवरात्रि 2022 शुभ समय

महाशिवरात्रि के दिन का शुभ समय दोपहर 12:10 बजे से लेकर दोपहर 12:57 बजे तक है। यह इस दिन का अभिजित मुहूर्त है। इस मुहूर्त में आप कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ही भगवान शिव लिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से सभी तरह के सुख और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। महाशिवरात्रि पर अविवाहित कन्याएं पूरे दिन उपवास रखते हुए शिव आराधना में लीन रहती है और भगवान शिव से योग्य वर की प्राप्ति के लिए कामना करती हैं।

महाशिवरात्रि पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए पास के शिव मंदिर में जाएं। इसके बाद मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेक करें। महाशिवरात्रि में शिव पूजा के दौरान अक्षत, पान, बेलपत्र, दूध, दधी, सुपारी, शहद, घी ,धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित करें। पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करते रहें।

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महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

शिव गायत्री मंत्र

ओम तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
इसका जाप सुख, समृद्धि आदि की प्राप्ति के लिए करते हैं।

धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए शिव मंत्र

ओम हृौं शिवाय शिवपराय फट्।।

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