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अजित समर्थक विधायकों के खिलाफ एक्शन : शपथ में गए 3 नेता पार्टी से निष्कासित, शरद पवार बोले- नई शुरुआत करेंगे

मुंबई। महाराष्ट्र में हुए बड़े सियासी उलटफेर के बाद यू-टर्न का सिलसिला भी शुरू हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और उनके कई सहयोगियों ने मंत्रियों के रूप में शपथ ली। वहीं अब बगावत करने वाले दो विधायकों ने घर वापसी कर ली है। वहीं शरद पवार ने सोमवार (3 जुलाई) को गुरु पूर्णिमा के दिन सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व CM यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

शरद पवार बोले- नई शुरुआत करेंगे

सातारा में हुई रैली में शरद पवार ने कहा- देशभर में भाजपा चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी। बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं।

बागियों को डिस्क्वॉलिफाई करने की मांग

इसके साथ ही पार्टी ने अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास किया। अजित पवार के शपथ समारोह में भाग लेने गए तीन नेताओं को NCP ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन तीन नेताओं में पार्टी के क्षेत्रीय महासचिव शिवाजी राव गर्जे, अकोला शहर जिलाध्यक्ष विजय देशमुख और मुंबई डिवीजन के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र राणे शामिल हैं।

अजित पवार और शरद पवार (फाइल फोटो)

NCP ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अजित पवार और 9 अन्य विधायकों के बगावत के बाद सभी बागियों को डिस्क्वॉलिफाई करने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है, उन्होंने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुने।

दो विधायकों की हुई घर वापसी !

अजित पवार के समर्थक विधायक दिलीप मोहिते पाटिल ने सोमवार (3 जुलाई) को दावा किया कि, अजित पवार ने बिना बताए कल विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे। हम उनके इस कदम से सहमत नहीं हैं। इनके अलावा एनसीपी विधायक मकरंद पाटिल भी बगावत के अगले दिन एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ नजर आए। वहीं एनसीपी ने शपथ लेने वाले विधायकों पर एक्शन लेते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया है।

5वीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी CM बने अजित पवार

बता दें कि अजित पवार पहले भी डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं। अब 5वीं बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री की शपथ ली है। साल 1999-2014 के दौरान महाराष्ट्र में कांग्रेस-NCP गठबंधन की सरकार में वह 2 बार उप मुख्यमंत्री रहे। वहीं नवंबर 2019 में अजित पवार ने बगावत करके फडणवीस के साथ सरकार बनाई और उप मुख्यमंत्री बने। हालांकि, दो दिन बाद ही सरकार गिर गई। इसके 2 दिन बाद उद्धव ठाकरे की सरकार बनी, जिसमें अजित पवार डिप्टी CM बनाए गए। वहीं अब 5वीं बार शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री बने हैं।

महाराष्ट्र में 4 शपथग्रहण समारोहों का आयोजन

  1. महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन टूटने के बाद राजभवन में आयोजित हुए एक समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस और एनसीपी नेता अजित पवार ने क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। यह सरकार केवल 80 घंटे तक चली थी, क्योंकि पवार अपनी पार्टी में विभाजन नहीं करा सके।
  2. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने एक महीने के भीतर तब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जब उनकी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इसके बाद अजित पवार एनसीपी में वापस लौट आए और इस सरकार में उपमुख्यमंत्री बने। ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों के विद्रोह तथा शिवसेना के विभाजित होने के बाद पिछले साल जून में एमवीए सरकार गिर गई थी।
  3. शिंदे ने पिछले साल 30 जून को भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस बार फड़णवीस उप मुख्यमंत्री बने। पहले तीन शपथग्रहण समारोहों के समय भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल थे, लेकिन रविवार को हुए शपथग्रहण समारोह के समय रमेश बैस राज्यपाल हैं।
  4. NCP के अजित पवार ने 2 जून को शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार के 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

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