इंदौर। नगर निगम रिमूवल गैंग को सेना जैसी वर्दी देने के बाद उपजे विरोध के बाद अब नगर निगम ने यू-टर्न लेते हुए सभी कर्मचारियों से वर्दी वापस मांगी है। नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने वाले रिमूवल गैंग को ये ड्रेस इस वजह से दी थी कि इसके कारण आए दिन होने वाले विवादों में कमी आएगी। नगर निगम के इस फैसले का समर्थन महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी किया था और उन्होंने दावा किया था कि सेना जैसी वर्दी पहनना कोई अपराध नहीं है। हालांकि विरोध के कारण दो दिन में ही नगर निगम बैकफुट पर आ गया। अब नगर निगम के रिमूवल गैंग के कर्मचारियों से वर्दी वापस ली जा रही है और उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है कि इसके स्थान पर उन्हें दूसरी ड्रेस दी जाएगी।
कांग्रेस ने जताया था विरोध
नगर निगम के फैसले के बाद सेना जैसी वर्दी पहनकर रिमूवल दस्ते ने काम भी शुरू कर दिया था। हालांकि इस फैसले के बाद से ही इस पर सवाल खड़े होने लगे थे। निगम के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया था कि यह नगर निगम द्वारा शहर की जनता को डराने का प्रयास है और इसके खिलाफ कांग्रेस आंदोलन करेगी। कांग्रेस के नेताओं ने तो एक प्रेस वार्ता में सात दिनों का अल्टीमेटम देते हुए यह तक कहा था कि वर्दी वापस न लेने पर निगम के खिलाफ राजवाड़ा से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कांग्रेस ने इसे सेना के अपमान से जोड़ते हुए दावा किया था कि इस तरह की वर्दी पहनने से मिलिट्री से जुड़े लोगों की भावनाएं भी आहत होंगी। कांग्रेस इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के विधि विशेषज्ञों की भी सलाह ले रही थी।
600 जोड़ी ड्रेस पर फिजूल खर्च, आयुक्त से हो वसूली
नगर निगम ने रिमूवल गैंग के इस नए ड्रेस कोड को लागू करते हुए अपने कर्मचारियों को देने के लिए 600 जोड़ी वर्दी तैयार कराई थीं। ये ड्रेस सभी रिमूवल कर्मचारियों को दे भी दी गईं। अब कांग्रेस की मांग है कि इस पर खर्च हुई रकम की वसूली नगर निगम कमिश्नर के निजी खाते से होनी चाहिए। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे ने कहा कि निगम की रिमूवल गैंग के कर्मचारियों को मिलिट्री जैसी ड्रेस पहनने का फैसला प्राथमिक रूप से ही गलत था। नगर निगम आयुक्त की इस गलती का खर्च नगर निगम के खजाने पर नहीं डाला जाना चाहिए।
हालांकि, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा का दावा है कि इन ड्रेस को वापस मंगाने के बाद अब इसमें बदलाव किया जाएगा और वर्दी पर नगर निगम का लोगो भी लगाया जाएगा, ताकि किसी को इस पर आपत्ति न हो।
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