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इंदौर : अंबेडकर जयंती पर पहली बार हुआ ऐसा… आजीवन कारावास की सजा काट रहे मध्य प्रदेश के 154 कैदियों को किया गया रिहा

इंदौर। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज 132वीं जयंती मनाई जा रही है। पहली बार बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर मध्य प्रदेश के 154 कैदियों को रिहा किया गया है। इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं इंदौर सेंट्रल जेल से भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे 21 कैदियों को रिहा किया गया है, इनमें एक महिला शामिल हैं।

आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी हुए रिहा

सभी कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। सभी पर अलग-अलग धाराएं लगी हुई हैं, लेकिन इनमें से कोई भी 376 का नहीं है। सभी आजीवन 302 की धाराओं के बंदी हैं। जब बंदी जेल में आता है तो उसकी रुची और कौशल के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण दिए जाते हैं। बंदी रोजाना 8 घंटे काम करता है जिसके लिए उन्हें शासन द्वारा पारिश्रमिल दिया जाता है। जिन 21 कैदियों को रिहा किया गया है, उन्होंने इतने लंबे समय तक यहां जो काम किया है, तो पारिश्रमिक के रूप में करीब 5 लाख रुपए वह यहां से लेकर गए हैं।

पहली बार हुआ ऐसा

वैसे तो अपराध करने के बाद आरोपी को जेल भेजा जाता है लेकिन यदि उनका आचरण अच्छा रहता है तो जेल प्रशासन उनकी सजा को माफ करता है। जेल में रहकर यह पश्चाताप करते हैं और बाहर आने के बाद अच्छा जीवन जीने के लिए यह अग्रसर रहते हैं। लेकिन पहली बार बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर कैदियों को उनकी सजा माफ करके रिहा किया जा रहा है। अभी तक देखा गया है कि, 15 अगस्त और 26 जनवरी को कैदियों की सजा को माफ किया जाता है।

(इनपुट- हेमंत नागले)

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