भोपालमध्य प्रदेश

MP विधानसभा का शीतकालीन सत्र, OBC आरक्षण और खाद समस्या पर घमासान के आसार

मप्र विधानसभा का 5 दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र में सदन की कुल 05 बैठकें होगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किए जाएंगे। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे। रैगांव विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कल्पना वर्मा, आलीराजपुर से सुलोचना रावत और पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के शिशुपाल सिंह यादव विधायक पद की शपथ लेंगे।

वार-पलटवार के लिए तैयार है बीजेपी-कांग्रेस

पंचायत चुनाव के बीच होने जा रहे इस सत्र में हंगामे के आसार है। विपक्षी दल कांग्रेस पंचायत चुनावों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ-साथ राज्य में उर्वरकों की कमी का मुद्दा उठाएगी। इसके लिए पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह स्थगन प्रस्ताव देंगे। इसके अलावा भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल में आग की त्रासदी, खाद की कमी, गांवों में अघोषित कटौती, कानून व्यवस्था, महंगाई, रोजगार समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरेगी। बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस ने सदन में वार-पलटवार की रणनीति बनाई है।

सत्र में कौनसे विधेयक पेश किए जाएंगे

सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान संशोधन, भू-राजस्व संहिता में संशोधन, छिंदवाड़ा विवि का नाम राजा शंकरशाह के नाम पर करने, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन संबंधी विधेयक भी आज ही पेश किए जाएंगे। वहीं वित्त विभाग, ऊर्जा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन भी पेश किए जाएंगे।

इसके अलावा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कल्याण संबंधी समिति और पिछड़े वर्ग के लिए कल्याण समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए भी प्रस्ताव रखा जाएगा।

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सत्र में किस दिन किस विभाग के सवाल उठेंगे

पहले दिन: किसान, कृषि, खेल, तकनीकी शिक्षा, पंचायत, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी, उद्योग, खाध के स्वालों पर जवाब दिए जाएंगे।
दूसरे दिन: वाणिज्यिक कर, वित्त, नर्मदा घाटी, विमानन, महिला बाल विकास, जनसंपर्क, लोक स्वास्थ्य, योजना सांख्यिकी, लोक स्वास्थ्य व अन्य।
तीसरे दिन: वन, राजस्व, परिवहन, जल संसाधन व अन्य
चौथे दिन: लोक निर्माण, विधि, ऊर्जा
पांचवे दिन: गृह, जेल, विधि, चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, घुम्मकड़

प्रश्नकाल में ज्यादा लोगों को प्रश्न पूछने का मिलेगा मौका

विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए व्यवस्था बदली गई है। सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न नहीं पूछेंगे और न ही मंत्री लिखित उत्तर पढ़ेंगे। सदस्य को सीधे तौर पर पूरक प्रश्न पूछना होगा। प्रश्नकाल में ज्यादा लोगों को प्रश्न पूछने का मौका मिल सके, इसलिए व्यवस्था बदली गई है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में इसपर सहमति बनी।

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