
नई दिल्ली। पिछले एक हफ्ते में देशभर में करीब 100 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं। यह सभी धमकियां फर्जी थीं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और साथ ही विमानन कंपनियों ने आर्थिक तौर पर काफी नुकसान झेला। केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। ऐसे उपद्रवियों से निपटने के लिए सरकार कानूनी कार्रवाई करने की फिराक में है। धमकी देने वालों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला जाएगा। जिससे वो आगामी समय में हवाई यात्रा के हकदार नहीं होंगे।
फर्जी धमकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी
सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि बम की फर्जी धमकियों से निपटने के लिए कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। एविएशन सिक्योरिटी नियमों के साथ ही सिविल एविएशन एक्ट, 1982 में संशोधन की भी प्लानिंग है।
गृह मंत्रालय ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
गृह मंत्रालय ने सिविल एविएशन मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) से मामले पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से भी रिपोर्ट तलब किया है। सोमवार को BCAS के महानिदेशक जुल्फिकार हसन और CISF प्रमुख राजविंदर सिंह भट्टी ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात की, हालांकि बैठक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है।
DGCA प्रमुख को हटाया गया
बढ़ती फर्जी धमकियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सिविल एविएशन के महानिदेशक (DGCA) विक्रम देव दत्त को उनके पद से हटा दिया है। इस फैसले को सुरक्षा प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाने के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है।
एयरलाइंस ने भी की सख्त कार्रवाई की मांग
विमानन कंपनियों का कहना है कि फर्जी धमकियों से उड़ान संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। एयरलाइंस ने सरकार से मांग की है कि आरोपियों से इस नुकसान की भरपाई कराई जाए और ऐसे अपराधों के लिए सख्त दंड का प्रावधान किया जाए। एयरलाइंस भी इस तरह के फोन कॉल से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने की वकालत की है।