
अशोक गौतम-भोपाल। रिलायंस ग्रुप प्रदेश के दस जिलों में बायोगैस संयंत्र (बायो-सीएनजी) लगाने की तैयारी कर रहा है। इसमें डेढ़ हजार करोड़ का निवेश होगा और 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। बड़ा फायदा करीब 20 लाख किसानों को होगा। संयंत्र के लिए प्रारंभिक सर्वे में कच्चेमाल की पर्याप्त उपलब्धता बताई गई है। नरवाई, पेड़ों के पत्ते, शहरों के सूखे कचरे से सीएनजी गैस तैयार की जाएगी। कंपनी खुद किसानों के खेत से नरवाई और पेड़ों के पत्तों की पैकिंग कराकर प्लांट तक पहुंचाने का काम करेगी। किसानों से खरीदी और बिक्री का अनुबंध भी किया जाएगा।
फिलहाल, भोपाल, इंदौर सहित पांच जिलों में संयंत्र लगाने के लिए शहर के पास रिलायंस ग्रुप ने 15 से 20 एकड़ जमीन खरीदी है। संयंत्र के पास ही रॉ-मटेरियल के लिए गोदाम भी बनाए जाएंगे, जिससे कम लागत में ज्यादा बायोगैस बनाई जा सके। किसानों से नरवाई के अलावा गेहूं, चना, राई का भूसा, धान के सूखे पौधे और सूखी घास भी खरीदी जाएगी। इसके साथ ही राइस मिलों से धान की भूसी भी खरीदने के लिए करार किया जाएगा।
वाहनों और रसोई गैस में ईंधन के रूप में उपयोग
बायो गैस का उपयोग सीएनजी वाहनों और रसोई गैस में ईंधन के रूप में किया जाएगा। कंपनी गैस तैयार कर इसे पेट्रोल पंपों को उपलब्ध कराएगी। पेट्रोल डीजल की तुलना में काफी कम वाहन प्रदूषण होता है। इससे शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।
बंजर भूमि में नेपियर घास की खेती
किसानों को बंजर भूमि, बीहड़ों में नेपियर ग्रास लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। रिलायंस ग्रुप इस घास की खेती के लिए किसानों से अनुबंध करेगा और किसानों को घास की खेती करने के लिए बीज उपलब्ध कराने के लिए सहयोग भी करेगा। इस घास की विशेषता है कि ये काफी लंबी और घनी होती है, इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। नेपियर घास मवेशियों के लिए चारा और सूखने पर पत्ती और डंठल का उपयोग बायोमास संयंत्र से गैस बनाने का काम आएगा।
राख से बढ़ाई जाएगी उर्वरक शक्ति
इससे निकलने वाली राख से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ाई जाएगी। किसान इसी राख को खेतों में डालकर अपनी उपज भी बढ़ा सकेंगे। कंपनी किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही इसे सुरक्षित रखने के लिए संयंत्र के पास ही गोदाम बनाया जाएगा, जिससे बारिश में पानी में बहने और गर्मी में हवा में उड़ने से खराब मटेरियल को रोका जा सके।
इन जिलों के गांवों में संयंत्र लगाने ली गई जमीन
- भोपाल – छावनी पठार।
- इंदौर – डकाचिया।
- जबलपुर – नागना
- सतना – बचवाई।
- बालाघाट – धंसुआ।
- एमपीआईडीसी भूमि आवंटन की प्रक्रिया – मुबारकपुर
- उज्जैन में कचनारिया क्षेत्र में संयंत्र लगाने से पहले कच्चे माल की उपलब्धता को तलाशा जा रहा है।
बायो-सीएनजी संयंत्र लगाने की तैयारी है
रिलायंस ग्रुप सीबीजी (बायोसीए नजी) संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा है। कुछ स्थानों पर ग्रुप ने अपनी जमीन पर संयंत्र लगाने का काम भी प्रारंभ कर दिया है। कुछ जिलों में औद्योगिक क्षेत्रों में सीबीजी संयंत्र को लगाने के लिए सरकारी जमीन की डिमांड की है। -चंद्रमौली शुक्ला,एमडी, मध्य प्रदेश राज्य इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन