जबलपुरमध्य प्रदेश

सैकड़ों डेयरियों की गंदगी से साफ सुथरी परियट बन गई गोबर नदी

नरेन्द्र सिंह जबलपुर। हर दिन इस नदी में प्रवाहित हो रहा 5 हजार क्विंटल गोबर कभी साफ-सुथरे पानी से प्रवाहित होने वाली परियट नदी अब गोबर की नदी बन गई है। इसकी धार कई जगह से टूट चुकी है, जो केवल बारिश के सीजन में ही नदी का रूप दिखाती है। यहां पर चल रहीं 200 से अधिक बड़ी डेयरियों के कारण इसका स्वरूप बदल चुका है। परियट नदी का उद्गम परियट जलाशय से होता है और करीब 52 किमी का सफर तय कर यह हिरन नदी में मिल जाती है। इस नदी में मगरमच्छों का भी रहवास है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी आलोक जैन का दावा है कि उन्होंने 194 डेयरियों को नोटिस जारी किए हैं। डेयरियों का संचालन बंद करने के भी निर्देश दिए हैं, जिसका मामला अब कोर्ट में लंबित है। प्रशासन की सख्ती के बाद कुछ डेयरी संचालकों ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए हैं, लेकिन इनका संचालन नियमित न होने से यह खानापूर्ति जैसा है।

200 छोटी-बड़ी डेयरियां, डेढ़ लाख पशु आसपास

परियट नदी के आसपास 200 से अधिक छोटी बड़ी डेयरियां हैं, जहां पशुओं की संख्या ही कम से कम डेढ़ लाख से ऊपर है। यहां की प्रत्येक डेयरियों में सैकड़ों पशु हैं, जिनकी गंदगी लगातार इस नदी में बह रही है। एक अनुमान के अनुसार परियट नदी में अभी भी करीब 5 हजार क्विंटल गोबर प्रतिदिन प्रवाहित हो रहा है।

बड़ा कारण अवैध खनन भी नदी को कर रहा गंदा

स्थानीय रहवासियों का मानना है कि परियट नदी ने अब गंदे नाले का रूप ले लिया है और इसका एक बड़ा कारण अवैध खनन भी है। अवैध खनन से कई वाहनों का आवागमन बना रहता है और इसके साथ वाहनों को धोना आदि भी किया जाता है। कमल विश्वकर्मा का कहना है कि इस नदी में पहले खूब जलीय जीव होते थे, लेकिन अब मर चुके हैं।

अब परियट नदी का पानी उपयोग लायक नहीं

दो दशक पहले परियट नदी का पानी पीने लायक होता था। लेकिन, जब से डेयरी संचालकों ने अपने व्यवसाय को बढ़ाया है तब से नदी का पानी किसी भी उपयोग के लायक नहीं बचा है। – अतुल ठाकुर, रहवासी

अवैध खनन और डेयरियों ने बनाया गंदा नाला

परियट नदी इन दिनों गंदे नाले के रूप में तब्दील हो गई है। नदी में अवैध खनन से इसकी सूरत बिगाड़ने का सिलसिला पहले ही शुरू हो चुका था। रही सही कसर यहां बसी डेयरियों के संचालकों ने पूरी कर दी। – किशन पटेल, स्थानीय रहवासी

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