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जबलपुर के खनिज कार्यालय में लोकायुक्त का छापा, होमगार्ड सैनिक और ड्राइवर 12 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार, कमजोर केस बनाने के एवज में मांगी थी 15 हजार की घूस

जबलपुर। अब तक खनिज विभाग में अधिकारी और कर्मचारियों के छापे में पकड़े जाने की शिकायतें सामने आती थीं। लेकिन, इस बार मामला एक कदम आगे बढ़ गया है। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को खनन कार्यालय के दफ्तर में छापा मारकर रिश्वत लेते हुए होमगार्ड सैनिक और प्राइवेट वाहन चालक को गिरफ्तार किया है। ये दोनों एक व्यक्ति से कमजोर केस बनाने के नाम पर 15 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। लोकायुक्त पुलिस ने इन दोनों को ठीक उसी समय धर दबोचा, जब ये रिश्वत के रुपए लेकर जेब में रख रहे थे।

यह है मामला

गोटेगांव के ग्राम भडरी निवासी गिरधारी सिंह पटेल ने 26 अक्टूबर को खुद के ट्रैक्टर से मानेगांव स्थित एक क्रेशर से 2500 रुपए की रसीद कटवा कर गिट्टी मंगवाई थी। इस ट्रैक्टर-ट्रॉली को खनिज विभाग के सैनिक नंदलाल झरिया ने सिवनी टोला के पास पकड़ लिया था। इसके बाद उसने जुर्माना कम कराने एवं केस को हल्का बनाने के एवज में प्राइवेट ड्राइवर विनोद कुमार सेन के साथ मिलकर 15000 रुपए की डिमांड की थी। इसकी शिकायत गिरधारी ने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर को की थी।

होमगार्ड सैनिक को अकेले जांच का अधिकार ही नहीं

लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत मिलते ही दोनों को रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया। गिरधारी ने होमगार्ड सैनिक नंदलाल झारिया और विभाग में ही अटैच प्राइवेट वाहन के ड्राइवर विनोद कुमार सेन से मोल-भाव किया। आखिरकार 12 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। प्लान के मुताबिक गिरधारी को रिश्वत के रुपए के साथ खनन कार्यालय जबलपुर भेजा गया। जैसे ही दोनों ने रिश्वत के रुपए जेब में रखे, वैसे ही पास में मौजूद लोकायुक्त के अमले ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। गौरतलब है कि विभाग में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले होमगार्ड सैनिक को खनिज परिवहन की जांच का अधिकार ही नहीं है। होमगार्ड किसी अधिकारी के निर्देश और मौजूदगी में ही किसी खनिज परिवहन करने वाले वाहन को रोक सकता है।

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