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MP ELECTION 2023 : उमंग सिंघार की टंकार से गूंजी राजनीति, आदिवासी सीएम के मामले पर आमने-सामने हुई BJP-कांग्रेस

इंदौर। कल एक कार्यक्रम के दौरान मंच से कांग्रेस विधायक और सूबे के पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार ने एमपी में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग मंच से उठा दी। उन्होंने आदिवासी हितों के लिए प्रदेश में इसी वर्ग का सीएम बनाए जाने की बात छेड़कर चुनावी साल में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। धार अंचल के आदिवासी नेता सिंघार के इस बयान के बाद बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक सभी एक दूसरे को आदिवासी विरोधी बताते हुए खुद को जनजातियों का हितैषी ठहरा रहे हैं। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि इस बहस के दौरान आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने का मूल मुद्दा ही राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गया है।

सिंघार के बयान की सियासी चाल

उमंग सिंघार के बयान के बाद सबसे पहला बयान प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का आया। होम मिनिस्टर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि अपन तो उमंग के कायल हैं। क्योंकि वे सही बात कहते हैं और खुल के कहते हैं। इसके बाद नरोत्तम ने उमंग सिंघार द्वारा वन मंत्री रहते हुए प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर लगाए गए आरोपों को याद दिलाया। इसके बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसे कांग्रेस के आदिवासी विरोध से जोड़ते हुए कहा कि यह उमंग के मन की पीड़ा है, क्योंकि भाजपा ने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया, वहीं कांग्रेस आदिवासियों को केवल वोट बैंक समझती है।

नाथ बोले – निजी विचार, सज्जन ने मांगा हिसाब

उमंग सिंघार के बयान और बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस डिफेंसिव मोड मे आ गई। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि उमंग सिंघार द्वारा आदिवासी सीएम की मांग उठाना उनके निजी विचार हो सकते हैं। इसके पीछे के भाव सिंघार खुद ही बताएंगे। वहीं, प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा खुलकर मैदान में आ गए। उन्होंने साफ कहा कि आदिवासी सीएम की मांग से पहले खुद उमंग सिंघार ये बताएं कि उन्होंने आदिवासी वोटों को बीजेपी और जयस के पाले में जाने से रोकने के लिए क्या किया।

आदिवासी सीएम का मुद्दा भूल गए बीजेपी-कॉन्ग्रेस

शाम होते-होते बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल आपस में सिंघार के बयान को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए खुद को आदिवासियों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में जुटे रहे। इस पूरे विवाद के बीच आदिवासी सीएम बनाने या न बनाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों से स्पष्ट जवाब नहीं आया। गौरतलब है कि सिंघार प्रदेश की पूर्व डिप्टी सीएम दिवंगत जमुना देवी के भतीजे हैं और पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी की भूमिका निभा चुके हैं। इसके साथ ही सिंघार विगत दिनों एक महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के कारण सुर्खियों में भी रहे थे।

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