नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में कुल 73 महिलाएं चुनी गईं। जबकि 2019 के आम चुनाव में यह संख्या 78 थी। देश भर से निचले सदन के लिए चुनी गईं कुल महिला सांसदों में से पश्चिम बंगाल 11 महिलाओं के साथ सबसे आगे हैं। कुल 797 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा ने सबसे अधिक 69 को और कांग्रेस ने 41 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। वहीं इस बार मध्य प्रदेश नारी शक्ति का जलवा देखने को मिला। प्रदेश में 6 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की है।
महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का प्रावधान
संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद यह पहला चुनाव है। इस कानून में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, इस बार भाजपा की 30 महिला उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव जीता, कांग्रेस की 14, तृणमूल कांग्रेस की 11, समाजवादी पार्टी की चार, द्रमुक की तीन और जनता दल (यूनाइटेड) और लोजपा (आर) की दो-दो महिला उम्मीदवार जीतीं।
MP से 6 महिलाएं बनीं सांसद
मध्य प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में महिलाओं का जलवा देखने को मिला। सूबे की 29 सीटों में से 6 पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। निर्वाचित होने वाली सभी महिलाएं भारतीय जनता पार्टी की हैं। इस बार भाजपा ने सागर से लता वानखेड़े, भिंड से संध्या राय, शहडोल से हिमाद्री सिंह, बालाघाट से भारती पारधी, धार से सावित्री ठाकुर और रतलाम से अनीता नागर सिंह चौहान को मैदान में उतारा था।
2019 में 4 महिला सांसद थीं MP से
इसी तरह साल 2019 के चुनाव में 4 महिला सांसद थीं। शहडोल से हिमाद्री सिंह, भिंड से संध्या राय, भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर और सीधी से रीति पाठक चुनाव जीती थी। बीजेपी ने इस बार प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काट दिया था। वही, रीति पाठक को विधानसभा का चुनाव लड़वाया गया था। वर्ष 2024 के चुनाव में भाजपा ने शहडोल से हिमाद्री सिंह और भिंड से संध्या राय को दोबारा मौका दिया। वहीं, 4 नए महिला चेहरों को मैदान में उतारा।
राज्य में हुए इससे पहले के चुनावों पर गौर करें तो साल 2009 में भी 6 महिला सांसद लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं। इनमें 2 कांग्रेस की और 4 बीजेपी की थीं। इसके अलावा वर्ष 2004 के चुनाव में दो और 2014 के चुनाव में पांच महिलाएं जीतीं थीं।
17वीं लोकसभा में थी सबसे अधिक संख्या
17वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक 78 थी, जो कुल संख्या का 14 प्रतिशत थी। 16वीं लोकसभा में 64 महिलाएं सदस्य थीं जबकि 15वीं लोकसभा में यह संख्या 52 थी। भाजपा की हेमा मालिनी, तृणमूल की महुआ मोइत्रा, राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने लोकसभा चुनाव में अपनी सीटें बरकरार रखीं जबकि कंगना रनौत और मीसा भारती जैसी उम्मीदवारों ने अपनी जीत से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की 25 वर्षीय उम्मीदवार प्रिया सरोज और कैराना सीट से 29 वर्षीय इकरा चौधरी जीत हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की उम्मीदवारों में शामिल हैं।
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