ग्वालियरमध्य प्रदेश

Kuno National Park : मादा चीता साशा की सेहत में सुधार, डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी; पानी पीया और खाना भी खाया

श्योपुर। नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में छोड़े गए 8 चीतों में से साशा नाम की मादा चीता के अचानक बीमार होने से कूनो प्रबंधन की चिंता बढ़ गई थी। हालांकि, सेहत में तेजी से सुधार होने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। बीमार साशा को बड़े बाड़े से निकालकर दोबारा छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया, जहां डॉक्टरों की सतत मॉनिटरिंग के बीच उसका इलाज किया जा रहा है।

स्वास्थ्य परीक्षण में मादा चीता को किडनी में संक्रमण की बात सामने आई है। भोपाल से आई डॉक्टरों टीम के इलाज से धीरे-धीरे सेहत में सुधार हो रहा है। शुक्रवार को सासा ने पानी भी पीया और खाना भी खाया। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे साशा की निगरानी कर रही है। इसके अलावा नामाबिया के डॉक्टरों से भी सलाह ली जा रही है।

किडनी में संक्रमण और डिहाइड्रेशन

कूनो नेशनल पार्क में सभी 8 चीतों की सुबह-शाम मॉनिटरिंग की जाती है। मॉनिटरिंग टीम को 22-2 3जनवरी को मादा चीता साशा अस्वस्थ नजर आई। इसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया। साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी। इसके बाद चीतों के परीक्षण के लिए वन विहार भोपाल से डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम कूनो पहुंची। विशेषज्ञों की मौजूदगी में डॉक्टरों ने साशा को ट्रैंकुलाइज किया और छोटे बाड़े में शिफ्ट कर ब्लड सैंपल लेकर जांच की। इसमें किडनी में संक्रमण और डिहाइड्रेशन की स्थिति मिली। साशा सियाया व सवाना के साथ रहती थी। बता दें कि बड़े बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर 5-में साशा दो मादा चीता सियाया और सवाना के साथ रह रही थी।

बड़े बाड़े में तीनों मादा थीं एक साथ

कूनो में दो स्थानीय डॉक्टर और एक डब्ल्यूआईआई के डॉक्टर चीतों के लिए तैनात हैं, लेकिन साशा के बीमार होने के बाद एहतियातन भोपाल वन विहार नेशनल पार्क से भी एक टीम बीती शाम कूनो पहुंची। डॉ. गुप्ता के नेतृत्व में टीम एक्स-रे मशीन व आवश्यक उपकरणों के साथ पहुंची है। चीतों को लाने के लगभग दो माह तक क्वारेंटाइन रखा गया। इसके बाद मादा चीता साशा को दो अन्य मादा सियाया व सवाना के साथ 28 नवंबर को बड़े बाड़े के कम्पार्टमेंट नंबर-5 में छोड़ा गया था। तभी से तीनों मादा एक साथ रह रही थीं।

पीएम मोदी के जन्मदिन पर आए थे चीते

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर यानि 17 सितंबर 2022 को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बाड़े में छोड़ा। देश की धरती पर 70 साल बाद फिर चीते आए। भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया। इसके बाद भारत सरकार ने नामीबिया से 8 चीते लाए है। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं। चीतों को 4 महीने के क्वारेंटाइन पीरियड के दौरान छोटे बाड़े और बड़े बाड़े में रहकर कूनो के माहौल में डाला गया।

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