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मप्र में भी दिखेगा गुजरात फॉर्मूला हारे हुए नेता संभालेंगे चुनावी प्रबंधन

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी, क्षेत्रीय जमावट और प्रबंधन में जुटी भाजपा इस बार गुजरात फॉर्मूले पर भी अमल करेगी। सत्तासं गठन में हर सीट पर हुए सर्वे के मुताबिक रणनीति और कई स्तर पर होम वर्क चल रहा है। एकाध अपवाद छोड़ हारे हुए नेताओं को चुनावी प्रबंधन और समितियों में एडजस्ट किए जाने की तैयारी है। यही वजह है कि चुनाव प्रबंधन, अहम फैसले से लेकर संचालन के सूत्र भाजपा हाईकमान के पास ही रहेंगे। व्यक्तिगत एंटी इनकम्बेंसी दूर करने के लिए नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी है। दरअसल गुजरात में भाजपा को सातवीं बार चुनावी सफलता के साथ उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है।

सत्ता-संगठन में सबसे पॉवरफुल नेता केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मप्र पर सारा ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष रणनीति पर काम शुरू किया है। चुनाव प्रबंधन से लेकर अन्य सभी फैसलों में वही विशेष रुचि ले रहे हैं।

इसलिए काटे जाएंगे टिकट

गुजरात में पार्टी को मिली चुनावी सफलता के बाद इस फॉर्मूले को मप्र में भी आजमाने की तैयारी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले चुनाव 2018 में भाजपा को 230 में से 121 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस कारण बहुमत से कुछ सीटें कम रह गई थीं। यही वजह है कि चुनिंदा अपवाद छोड़ इस बार हारे हुए नेताओं को टिकट के बजाए चुनावी प्रबंधन सहित अन्य कामकाज सौंपने की तैयारी है। भाजपा हाईकमान ने इस बार चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को प्रभारी बनाकर भेजा है। चुनाव प्रबंधन समिति की कमान पिछली बार की तरह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को ही सौंपी गई है, संभावना है कि प्रत्याशी चयन हर कसौटी पर परखा जाएगा।

संगठन में बड़े पैमाने पर किया था फेरबदल

भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने दिसंबर 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले सत्तासं गठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल कर नया प्रयोग किया था। पार्टी ने 45 विधायकों की जगह नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतार दिया। इनमें से दो अपवाद छोड़ सभी विजयी रहे। भाजपा ने विधानसभा की 182 में से 156 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज कर ली। भाजपा ने जब सत्ता संभाली थी तब उसका वोट प्रतिशत 42 फीसदी था जो अब बढ़कर 54 फीसदी हो गया है। इसके विपरीत पश्चिम बंगाल में वामपंथियों ने 34 साल तक राज किया लेकिन हर चुनाव में उनका वोट प्रतिशत गिरता गया।

अमित शाह कल फिर चुनावी बैठक लेंगे

विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 जुलाई को भोपाल में अहम बैठक को संबोधित करेंगे। एक पखवाड़े में शाह की यह दूसरी बैठक है। इसमें विधानसभा चुनाव प्रबंधन से जुड़े सभी पदाधिकारी और कोर ग्रुप के प्रमुख सदस्य भी मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मंत्री शाह 26 की रात 7:40 बजे भोपाल आकर रात 8 बजे भाजपा मुख्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होंगे। मध्य रात्रि तक बैठक चलने की संभावना है। रात्रि विश्राम वह भोपाल में ही करेंगे। 27 जुलाई को वह सुबह 10:35 बजे होटल ताज से एयरपोर्ट पहुंचकर दिल्ली रवाना हो जाएंगे। प्रदेश में सत्ता-संगठन के नेता बैठक को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं।

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