
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में बर्ड फ्लू (एच5एन1) के प्रकोप के कारण लाखों मुर्गियों की मौत हो गई है। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (NIHSAD) ने इन मौतों के लिए बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि की है। स्थिति को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन ने चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध
- रेड जोन घोषित : प्रभावित इलाकों में मुर्गी फार्म तीन महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं।
- मुर्गियों का नष्टकरण : विशेष टीमें एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों को नष्ट कर रही हैं और उन्हें दफनाया जा रहा है।
- निगरानी क्षेत्र : 10 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन घोषित किया गया है, जहां 65 मेडिकल टीमें इंसानों में संक्रमण की जांच कर रही हैं।
चिकन और अंडों के सेवन से बचें लोग
सरकार ने लोगों से कुछ दिनों तक चिकन और अंडे न खाने की अपील की है और किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने का सुझाव दिया है। इस संक्रमण के फैलने की आशंका प्रवासी पक्षियों के कारण जताई जा रही है, जिसके मद्देनजर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

तेलंगाना सरकार हाई अलर्ट पर
- आंध्र प्रदेश में HPAI (Highly Pathogenic Avian Influenza) के बढ़ते मामलों को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने सख्त जैव सुरक्षा कदम उठाए हैं।
- 24 चेक-पोस्ट स्थापित : आंध्र प्रदेश से आने वाले पोल्ट्री वाहनों की तेलंगाना की सीमाओं पर जांच की जा रही है।
- बीमार पक्षियों के परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट जारी कर बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
- पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को दिए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही चेतावनियां जारी की जा रही हैं।
क्या है बर्ड फ्लू ?
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा या H5N1 एक ऐसी बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है, ये बीमारी टाइप A इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से फैलती है। ये ज्यादातर पक्षियों के लिए घातक होती है। हालांकि, ये इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। यह मूल रूप से तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित पक्षी के निकट संपर्क में आता है। ये आमतौर पर जंगली पक्षियों के जरिए पालतू पक्षियों में फैलती है। हालांकि, इंसानों में इसके मामले कम ही आते हैं। इसलिए, बेहतर है कि संक्रमित पक्षियों (मृत या जीवित) को न छुएं या उनकी बीट के संपर्क में न आएं।
क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
ये आमतौर पर बीमार पक्षी के संपर्क में आने से फैलता है। इस बीमारी में सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द होना, सिर दर्द ठंड के साथ बुखार आना आदि लक्षण होते हैं। इसके लक्षण सामने आने में करीब 2 से 8 दिन का समय लग जाता है।