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झीलों की अब कैमरों से निगरानी अतिक्रमण, गंदगी पर होगी FIR

भोपाल नगर निगम ले रहा टेक्नोलॉजी का सहारा : सिद्दीक हसन तालाब किनारे लगाए कैमरे

शाहिद खान- भोपाल। राजधानी की बड़ी झील सहित लगभग सभी तालाबों पर होने वाले अतिक्रमण और गंदगी फैलाने वालों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। गंदगी फैलाने और अतिक्रमण करने वालों की पहचान कर उन पर सीधे एफआईआर की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे लगाने की शुरुआत नगर निगम ने शाहजहांनाबाद स्थित सिद्दीक हसन खां तालाब से कर दी है। तालाब के आसपास लगे बिजली के खंभों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके बाद बड़ी झील, छोटी झील सहित मोतिया तालाब, मुंशी हुसैन तालाब, कलियासोत व केरवा नदी और कलियासोत तथा केरवा डैम एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शहर के तालाबों में बढ़ते अतिक्रमण और गंदगी को लेकर अलग-अलग आठ से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। एनजीटी ने बड़ी झील सहित मोतिया तालाब से अतिक्रमण हटाने और गंदगी मुक्त करने का आदेश दिया था। यही नहीं, इस मामले में निगम पर मोटी पेनल्टी भी लगाई थी। लिहाजा अब निगम ने सिद्दीक हसन तालाब से अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई की कवायद शुरू की है, ताकि जल्द निगम तालाब की जमीन से अतिक्रमण का सफाया कर सके। इसके साथ ही निगम ने शहर के सभी तालाबों में अतिक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सीसीटीवी से निगरानी करना शुरू कर दिया है।

सिद्दीक हसन तालाब

यह तालाब 415 इमारतों की चपेट में आ गया है और थोड़ा हिस्सा कीचड़ में तब्दील हो चुका है। तालाब में गड़बड़ी 1990-91 में सामने आई थी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। अब यहां 220 से ज्यादा इमारतें अवैध रूप से तन चुकी हैं।

बड़ी झील पर 3,000 से ज्यादा अतिक्रमण 

बड़ी झील पर खानूगांव, लालघाटी, सूरज नगर, भदभदा एरिया सहित कैचमेंट एरिया में लगभग 3 हजार से ज्यादा अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। हाल ही में एनजीटी ने भदभदा एरिया में चिह्नित लगभग 300 कच्चे-पक्के अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश दिया था। निगम ने कार्रवाई शुरू करते हुए नोटिस जारी किए थे, लेकिन रहवासी हाईकोर्ट से स्टे ले आए। इसी तरह करीब आठ साल पहले खानूगांव में अवैध निर्माणों को तोड़ा जाना था, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे ने कार्रवाई रोक दी।

1950 में थे सिर्फ 12 मकान

1950 में जहां बड़े तालाब की जमीन पर कुल 12 मकान थे। उनकी संख्या बढ़कर 215 हो गई है। यह सब नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। जिस तालाब की जमीन का खसरा नंबर 160 नगर निगम के नाम पर दर्ज है, उस पर निर्माण के लिए नजूल ने एनओसी और बिल्डिंग परमीशन भी दे दी।

12 से 4 डेसीमल रह गया तालाब

नगर निगम के परमीशन देने से तालाब लगातार सिकुड़ता गया। स्थिति यह है कि एक समय तालाब का कुल रकबा 11.88 डेसीमल दर्ज था, वह घटकर 3.99 डेसीमल रह गया।

शहर के तालाबों में गंदगी और अतिक्रमण करने वालों की निगरानी सीसीटीवी से की जाएगी। इसके लिए तालाबों के किनारे सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सिद्दीक हसन तालाब पर कैमरे लगाए जा चुके हैं, जल्दी ही बाकी तालाबों और झील किनारे अतिक्रमण संभावित इलाकों में कैमरे लगाए जाएंगे। – संतोष गुप्ता, प्रभारी, झील संरक्षण प्रकोष्ठ

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