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भाषा किसी रीजन की हो सकती है किसी रिलीजन की नहीं : टीवी कलाकार कंवलजीत ने हिंदी में अन्य शब्दों को शामिल करने पर कहा

भोपाल। फिल्म और टीवी कलाकार कंवलजीत सिंह का कहना है कि सभी लैंग्वेज एक दूसरे के बिना पंगु हैं। सभी भाषाओं का एक समान महत्व है। आप एक सेंटेंस पूरा हिंदी में नहीं बना सकते। उर्दू एक रिलीजन की भाषा है, इस पर कंवलजीत का कहना है कि भाषा किसी रीजन की तो हो सकती है, लेकिन किसी रिलीजन की नहीं।

कंवलजीत भोपाल के गौहर महल में आयोजित मप्र उर्दू अकादमी के आयोजन जश्न-ए-उर्दू में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने कहा- बंगाल में रहने वाला कोई मुस्लिम यदि बंगाली बोलता है तो बंगाली उसके रिलीजन की भाषा कैसे हो गई। पंजाब में किसी भी धर्म का व्यक्ति रहे, वो पंजाबी बोलता है। यही तो भारत का फ्लेवर है। इसी से हम भारतीय हैं।

कोविड काल में खुद लिखीं शायरी

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उर्दू शेर-ओ-शायरी वाले पोस्ट शेयर करता रहता हूं। जब भी खाली समय मिलता है तो अपनों के साथ कुछ-न-कुछ शेयर कर देता हूं। कोविड-19 के दौरान तो मैंने खुद भी शायरी लिखीं और दूसरों के शेर भी कहे।

आर्मी में नहीं हुआ सिलेक्शन तो फिल्म इंस्टीट्यूट गया

पहले भी मुझे ट्रैवलिंग और खाने का शौक था और आज भी है। मैं कानपुर में पैदा हुआ और फिर पिताजी का ट्रांसफर हो गया था। मेरी जवानी यूपी के सहारानपुर में कटी। मैंने एनडीए का भी एग्जाम दिया, इसके बाद मर्चेंट नेवी के लिए ट्राई किया, आर्मी के लिए ट्राई किया, इसके पीछे उद्देश्य यह नहीं था कि मैं आर्मी में ही जाना चाहता था, मेरा मकसद था कि मुझे यूपी के सहारनपुर इलाके से निकलना था और निकलकर एक अलग हटकर पहचान बनानी थी। जब मेरा इन तीनों जगह पर सिलेक्शन नहीं हुआ तो फिर मैंने फिल्म इंस्टीट्यूट में ऑडिशन दिया और फिर वहां मेरा सिलेक्शन हो गया।

वेब सीरीज में गाली-गलौज सही, लेकिन…

मैंने जब पहली पंजाबी फिल्म की थी तो उसकी स्क्रिप्ट इतनी अच्छी थी कि मैंने डायरेक्टर को कहा कि इसे आप हिंदी में क्यों नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि पंजाबी में ही बनानी है और आपको इसमें रोल करना है, लेकिन आजकल पंजाबी फिल्मों में कॉमेडी का असर ज्यादा है। वेब सीरीज में दिखाए जाने वाली अश्लीलता या गाली गलौज के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि वेब सीरीज में दिखाई जाने वाली जुबान किसी कैरेक्टर विशेष की है, जो उस इलाके में बोली जाती है तब तो ठीक है लेकिन यदि यह जानबूझकर सिर्फ दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयोग की जा रही है तो पूरी तरह से गलत है।

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