
कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सियालदह कोर्ट ने घटना के 164 दिन बाद यह सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने अपने फैसले में कहा कि संजय रॉय इस मामले में दोषी है और उसे अपने अपराध की सजा मिलनी चाहिए।
कोर्ट में तीन पक्षों की दलीलें
सजा सुनाने से पहले कोर्ट ने दोषी संजय, सीबीआई और पीड़ित परिवार के वकीलों की दलीलें सुनीं। पहली दलील, संजय ने कहा, “मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मुझे इस मामले में फंसाया गया है।”
उसने आरोप लगाया कि जेल में उसे प्रताड़ित किया गया और जबरन दस्तावेजों पर दस्तखत करवाए गए। संजय के वकील ने कोर्ट से गुहार लगाई कि दोषी को सुधार का मौका दिया जाए और फांसी के बजाय कोई अन्य सजा दी जाए।
सीबीआई की दलील
सीबीआई ने दोषी के लिए फांसी की मांग करते हुए कहा कि यह एक बेहद जघन्य अपराध है। सीबीआई के वकील ने कहा, “संजय रॉय ने एक डॉक्टर के साथ इस कृत्य को अंजाम दिया। इससे समाज में कानून और न्याय के प्रति लोगों का भरोसा टूट सकता है, इसलिए हम फांसी की मांग करते हैं।”
पीड़ित परिवार की दलील
पीड़िता के माता-पिता के वकील ने कोर्ट से दोषी को फांसी देने की मांग की। उन्होंने कहा, “संजय एक सिविक वॉलंटियर था, जिसे अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया था। लेकिन उसने उस लड़की के साथ अपराध किया, जिसकी सुरक्षा करना उसकी जिम्मेदारी थी। इसे माफ नहीं किया जा सकता।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में पहले ही फांसी की सजा की मांग की थी। दूसरी ओर, दोषी संजय की मां और बहन ने कहा कि वे सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगी। संजय की मां ने कहा, “मैं उस लड़की के माता-पिता के दर्द को समझती हूं। मेरी भी बेटियां हैं। हम अपील नहीं करेंगे, भले ही उसे फांसी ही क्यों न दी जाए।”
क्या है मामला
9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी। फोरेंसिक जांच में पता चला कि पीड़िता के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की गई थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया। इस घटना के खिलाफ कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए थे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस की टाइमलाइन
- 9 अगस्त को आरजीकर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का अर्धनग्न अवस्था में शव बरामद किया।
- 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया, पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने प्रदर्शन करना शुरू किया।
- 12 अगस्त को आरजीकर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने पद से इस्तीफा दे दिया।
- 13 अगस्त को कोर्ट ने पुलिस से सीबीआई को केस की जांच सौंपी।
- 14 अगस्त को ममता बनर्जी ने विरोध रैली निकाली।
- 15 अगस्त को पब्लिक ने आरजीकर कॉलेज में तोड़-फोड़ की, पुलिस ने तोड़-फोड़ के मामले में 19 लोगों को हिरासत में लिया।
- 18 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी मामले की सुनवाई 20 तारीख को तय की।
- 19 अगस्त को कोर्ट ने पॉलीग्राफ करने की अनुमति को पास कर दिया।
- 20 अगस्त को हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस को जांच की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।
- 21 अगस्त को केंद्र सरकार ने CISF को आरजीकर कॉलेज के सुरक्षा के निर्देश दिए और 3 अधिकारियों को सस्पेंड किया।
- 24 अगस्त को संजय और 6 अन्य लोगों का लाई-डिटेक्शन टेस्ट किया।
- 25 अगस्त को आरजीकर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष सहित 15 लोगों के घर पर छापा मारा।
- 26 अगस्त को छात्र संघ ने बंगाल के सीएम का इस्तीफा मांगा।
- 14 अगस्त को संदीप घोष और एक पुलिस कर्मचारी को गिरफ्तार किया।
- 3 अक्टूबर को कोलकाता के डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे।
- 7 अक्टूबर को मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की।
- 21 अक्टूबर को भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की और भूख हड़ताल खत्म की।
- 4 नवंबर को आरोपी संजय के खिलाफ सीबीआई ने सबूत पेश किए।
- 11 नवंबर को कोर्ट ने हत्या और रेप के मामले मे ट्रायल शुरू किया।
- 12 नवंबर को सीबीआई ने बंद कमरे में सुनवाई करना शुरू किया।
- 29 नवंबर को सीबीआई ने 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की जिसमें संदीप घोष का नाम शामिल था।
- 13 दिसंबर को संदीप घोष और पुलिस ऑफिसर को जमानत मिल गई।
- 9 जनवरी को संजय रॉय के मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई और 50 लोगों की गवाही दर्ज की गई।
- 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया गया।
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