
नई दिल्ली। कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। CJI की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की है। CJI ने कहा- सभी डॉक्टर अपने-अपने काम पर वापस लौट जाएं, लोग उनके वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं। अगर वो अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटते तो कैसे काम चलेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूछा क्या कारण है कि 14 घंटे बाद FIR दर्ज हुई? कॉलेज के प्रिंसिपल को सीधे आकर कार्रवाई करनी चाहिए थी, वे किसे बचा रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि 30 साल में ऐसा केस नहीं देखा। कोर्ट ने कहा कि इस केस में लीपापोती करने की कोशिश की गई।
CBI के साथ ही कोलकाता पुलिस ने भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसमें पुलिस द्वारा की गई जांच में लापरवाही के आरोपों से बचाव करते हुए घटना के दिन का ब्यौरा पेश किया गया है।
पुलिस की देरी बेहद परेशानी वाली : SC
सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी को ‘‘बेहद परेशानी वाली बात” बताया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पुलिस द्वारा की गई कानूनी औपचारिकताओं के क्रम और समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि मृत पीड़िता का पोस्टमार्टम, अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने से पहले ही 9 अगस्त की शाम 6 बजकर 10 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट के बीच कर दिया गया। बेंच ने कहा, ‘‘ऐसा कैसे हुआ कि पोस्टमार्टम 9 अगस्त को शाम 6बजकर 10 मिनट पर किया गया, लेकिन अप्राकृतिक मौत की सूचना ताला पुलिस थाने को 9 अगस्त को रात साढ़े 11 बजे भेजी गई। यह बेहद परेशान करने वाली बात है।”
मामले में कुछ छिपाया गया
सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि सबसे अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मृत पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद रात पौने 12 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई। मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘राज्य पुलिस ने (पीड़िता के) माता-पिता से कहा कि यह आत्महत्या का मामला है, फिर उन्होंने कहा कि यह हत्या है। पीड़िता के मित्र को संदेह था कि इस मामले में कुछ छिपाया गया है और उसने वीडियोग्राफी पर जोर दिया।”
कोर्ट ने डॉक्टर्स से काम पर लौटने को कहा
मामले की सुनवाई शुरू होने पर कोर्ट ने घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने को कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके काम पर लौटने के बाद उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। एम्स नागपुर के रेजिडेंट डॉक्टर्स के वकील ने बेंच से कहा कि डॉक्टर से बलात्कार एवं उसकी हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए डॉक्टर को प्रताड़ित किया जा रहा है। पीठ ने कहा, ‘‘उनके काम पर वापस आ जाने के बाद हम प्रतिकूल कार्रवाई न करने के लिए अधिकारियों पर दबाव डालेंगे। अगर डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो जन स्वास्थ्य ढांचा कैसे चल पाएगा?” उसने कहा, ‘‘अगर इसके बाद भी कोई कठिनाई हो तो हमारे पास आएं… लेकिन पहले काम पर लौटें।”
सीबीआई और कोलकाता ने सौंपी जांच रिपोर्ट
चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि डॉक्टरों की 36-48 घंटे की ड्यूटी सही नहीं है। हम इसे आज अपने आदेश में जोड़ देंगे। बता दें कि कोर्ट ने कोलकाता रेप मर्डर केस में स्वत: संज्ञान लिया है। वहीं सीबीआई और कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सीबीआई ने सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी है। सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कोलकाता पुलिस की ओर से गई लापरवाही का जिक्र किया है। वहीं जांच एजेंसी ने घटनास्थल को सुरक्षित नहीं किए जाने की बात भी रिपोर्ट में दाखिल की है। कोलकाता में मौजूद सीबीआई की एक टीम ने एडिशनल डिटेक्टर और डीएसपी के नेतृत्व में इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
पर्दाफाश : शव बेचना और पैसे लेकर पास करना
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच में लगातार नई परतें और खुलती जा रही हैं। अब यह केस सिर्फ रेप तक की सीमित नहीं है। डॉक्टर रेप मर्डर केस के सहारे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के रैकेट का भी पर्दाफाश हो रहा है। घोष पर कई तरह के आरोप लगे हैं। वहीं घोष को लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि वह (संदीप घोष) मेडिकल कॉलेज परिसर में एक रैकेट चलाते थे और उस रैकेट में कई स्टूडेंट्स भी शामिल थे। पैसे लेकर बच्चों को पास फेल करते थे। साथ ही डेड बॉडी यानी शव को सेल किया करते थे। संदीप घोष पर बायोमेडिकल कचरा तस्करी का भी आरोप लगा है। इसके अलावा कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजनेशन मशीनों की खरीद फरोख्त, यूजी-पीजी काउंसलिंग में धांधली, नियुक्ति में भ्रष्टाचार जैसे कई आरोप शामिल हैं।
सीबीआई की पूछताछ जारी
वारदात के 13 दिन बाद भी यह मामला पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। सीबीआई की पिछले 6 दिन में दो लोगों से लगातार पूछताछ की है। पहला मुख्य आरोपी संजय रॉय है तो दूसरा पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष हैं। सीबीआई ने बुधवार को मुख्य आरोपी संजय रॉय, आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित कई लोगों से पूछताछ की थी। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के केस में अभी तक एक ही आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी हो पाई है। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन यह मामला सुलझने के बजाय लगातार उलझता ही जा रहा है।
फोरेंसिक जांच की और सबूत इकट्ठा किए
CBI ने अस्पताल में जाकर सभी फोरेंसिक जांच की और सबूत इकट्ठा करने की कोशिश की। CBI के सीएफएसएल टीम के 5 डॉक्टर्स ने संजय रॉय का साइक्लोजिकल टेस्ट किया यानी उसकी मानसिक स्थिति जानने की कोशिश की, जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। सीबीआई ने इस एंगल पर भी जांच की कि क्या वारदात में अकेले संजय रॉय शामिल था या एक से ज्यादा आरोपी। साथ ही क्राइम सीन कई बार विजिट किया और एक्सपर्ट्स के साथ सैंपल इकट्ठे किए, साथ ही स्पॉट की मैपिंग भी की गई।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर जताई चिंता
चीफ जस्टिस ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता जताई। डॉक्टरों के लिए रेस्ट रूम नहीं होने पर भी सवाल किए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों, महिला डॉक्टरों, रेजिडेंट और नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों को सुरक्षा न मिल पाने से हम चिंतित हैं। पुरुष और महिला डॉक्टरों के लिए कोई अलग से रेस्ट रूम और ड्यूटी रूम नहीं है। महिलाओं को सुरक्षा न मिल पाने को लेकर संविधान के तहत समानता के अधिकार की भी बात की।
इंटरनेट और मीडिया में पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो साझा करने को लेकर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि क्या हम इस तरह से पीड़िता का सम्मान करेंगे। इसके लिए उचित प्रोटोकॉल क्यों नहीं बनाए गए।
नेशनल टास्क फोर्स का गठन
सीजेआई ने नेशनल टास्क फोर्स गठन करने की घोषणा की। जिसमें शामिल सदस्य पूरे भारत में अपनाए जाने वाले सुरक्षा के तौर-तरीकों का सुझाव देंगे। इससे डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें 9 डॉक्टरों को शामिल किया है, जो तीन सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने में फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी। इसके साथ ही टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के पांच अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। इस टास्क फोर्स में कैबिनेट सेक्रेटरी, हेल्थ सेक्रेटरी के अलावा एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास, डॉ. सोमाकिरा, डॉ. गोवर्धन दत्त, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, प्रो. अनीता सक्सेना और डॉ.पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं।
साथ ही इसमें भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष और नेशनल बोर्ड ऑफ इग्जामिनर्स के अध्यक्ष भी शामिल होंगे।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्या हुआ था ?
8-9 अगस्त के दरमियान कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप के बाद मर्डर कर दिया गया था।पीड़िता नाइट शिफ्ट करके एक जूनियर डॉक्टर के साथ खाना खाने के बाद ट्रेनी डॉक्टर सेमिनार हॉल में थोड़ी देर रेस्ट करने गई थी, लेकिन सुबह तक नहीं लौटी। वह मेडिकल कॉलेज में सेकंड ईयर की छात्रा थी। 9 अगस्त सुबह ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में अर्धनग्न और चोटिल अवस्था में मिला था।
पुलिस ने बताया था कि ट्रेनी डॉक्टर का रेप कर उसकी हत्या की गई है। घटनास्थल पर शव खून से लथपथ पड़ा मिला था। प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी।