राष्ट्रीय

किसानों का एक साल का संघर्ष खत्म, 11 दिसंबर को होगी ‘घर वापसी’; उखड़ने लगे टेंट

दिल्ली की सीमाओं पर बीते 14 महीनों से डटे किसानों ने आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी ‘घर वापसी’ की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों व सरकार के बीच सहमति बनने के बाद कुंडली बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक हुई, जिसमें आंदोलन वापसी का निर्णय लिया है। वहीं, बॉर्डर पर सालभर से धरनारत किसानों ने अपना सामान, तंबू व झोंपड़ियां समेटने शुरू कर दिए हैं।

आंदोलन को कर रहे स्थगित

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, जीत का ऐलान हो गया है। 11 तारीख को हम सभी धरने समाप्त कर रहे हैं। सरकार ने जो वादे किए हैं उसके मुताबिक हम आज के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं। हर महीने उसकी समीक्षा करते रहेंगे। अगर सरकार अपने वादों से हिलती है तो दोबारा से आंदोलन करने पर विचार करेंगे।

13 दिसंबर को अमृतसर में करेंगे अरदास

11 दिसंबर से सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत तमाम जगहों से किसान घर वापसी शुरू कर देंगे। इसके बाद 13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अरदास करेंगे और अपने घरों को पहुंच जाएंगे।

15 जनवरी को करेंगे समीक्षा

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारी 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक होगी, जिसमें यह विचार करेंगे कि आंदोलन से हमने क्या पाया है और सरकार ने कितनी मांगों को मान लिया है। 15 दिसंबर को पंजाब में भी सभी मोर्चे खत्म हो जाएंगे।

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