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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह डिब्रूगढ़ जेल से बाहर आया, आज सांसद पद की शपथ लेगा

असम की डिब्रूगढ़ जेल से खालिस्तान अमृतपाल सिंह को बाहर लाया गया। पंजाब के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने वाला अमृतपाल सिंह आज सांसद पद की शपथ लेगा। उसे कड़ी सुरक्षा के बाच जेल से निकाल कर एयरबेस ले जाया गया, जहां से अब प्लेन में अमृतपाल को दिल्ली लाया जा रहा है। इसके साथ कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे।

देखें VIDEO – https://x.com/psamachar1/status/1809087550914540031

शपथ लेने के लिए पैरोल मिली

इंजीनियर राशिद जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। वहीं, अमृतपाल पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जिले की एक जेल में बंद हैं। दोनों को शपथ लेने के लिए अदालत के निर्देश पर पैरोल मिली है।

कोर्ट ने जिन शर्तों पर दोनों को पैरोल दी है, उसके मुताबिक वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं और न ही कोई बयान दे सकते हैं। उनके परिवार वाले भी मीडिया में किसी तरह का बयान नहीं दे सकते।

गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था अमृतपाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन यानी 14 अप्रैल को बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब आकर सरेंडर करना चाहता था। लेकिन इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस ने उसे वहां से रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी। जिसके बाद वह रोडे गांव में एक गुरुद्वारे पहुंचा और यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अमृतपाल गिरफ्तारी से पहले गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। वह यहां अपने समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था।

गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव के गुरुद्वारे में प्रवचन देता अमृतपाल।

बता दें कि, यहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। इसके अलावा वारिस पंजाब दे का मुखी बनने के लिए अमृतपाल सिंह ने यहीं पर दस्तारबंदी समारोह किया था।

पुलिस थाने पर समर्थकों के साथ किया था हमला

बता दें कि, 23 फरवरी 2023 को खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। ये लोग अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इनके पास तलवार और बंदूकें थीं। साथ ही उनके पास श्री गुरुग्रंथ साहिब की पवित्र बीड भी थी। जिसकी वजह से जवान पीछे हट गए और दबाव में आकर पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था। 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन अमृतपाल फरार हो गया।

कौन है अमृतपाल सिंह

30 वर्षीय अमृतपाल सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संचालित करता है। एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने ये संगठन बनाया था। 15 फरवरी 2022 को उसकी सड़क हादसे में मौत होने के बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया। जिसके बाद ‘वारिस पंजाब दे’ वेबसाइट बनाई गई और लोगों को संगठन से जोड़ना शुरू किया गया। खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था। वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया।

अमृतपाल सिंह

नशा मुक्ति केंद्रों को अवैध हथियारों का स्टोर बनाया

पुलिस को पूछताछ में पता चला कि अमृतपाल ने पंजाब आते ही ऐसे पूर्व सैनिकों को तलाशना शुरू कर दिया था, जिनके पास हथियारों का लाइसेंस है। वह नशा मुक्ति केंद्रों में अवैध हथियारों का जखीरा रखता था। जो भी युवक इन केंद्रों में इलाज के लिए आते थे, पहले उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। युवकों को अमृतपाल के अनुसार चलने के लिए कहा जाता था। अगर उन्होंने बात नहीं मानी तो और भी प्रताड़ित किया जाता था।

घर से मिलीं AKF लिखी जैकेट्स।

अमृतपाल आनंदपुर खालसा फौज का लोगो भी मिला

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से अपनी एक फौज तैयार करने की तैयारी में था। अमृतपाल के साथी जो भी हथियार या शॉल का इस्तेमाल करते थे, उन पर AKF लिखा होता था। अमृतपाल आनंदपुर खालसा फौज का लोगो भी सामने आया है। उसके पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई से लिंक भी सामने आ रहे हैं।

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