धर्मभोपालमध्य प्रदेश

Kartika Purnima 2022 : कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, पंचकोसी यात्रा का समापन

कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा नदी समेत अन्य नदी के घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सुबह से ही तांता लग गया। हालांकि, शाम को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण से लगे सूतक की वजह से तटों पर पहुंचने वालों की संख्या कम ही नजर आ रही है, ग्रहण समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। दूसरी तरफ सूतक की वजह से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं।

घाटों पर डुबकी लगाते नजर आए श्रद्धालु

जबलपुर में ग्वारीघाट, उमाघाट, तिलवारा घाट सहित अन्य घाटों पर लोग पहुंच कर डुबकी लगाते हुए नजर आए। इसके साथ ओंकारेश्वर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर में नर्मदा नदी के घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा पर लोगों ने पहुंचकर पुण्य लाभ उठाया। वहीं ओंकारेश्वर में पंचकोसी यात्रा का समापन होने से श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद ओंकार पर्वत की परिक्रमा की।

सूतक काल शुरू होते ही कम हुई भीड़

चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही नदियों के घाटों पर भीड़ कम हो गई थी। ग्रहण खत्म होने के बाद फिर से भीड़ बढ़ेगी। भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इधर, बांद्राभान संगम स्थल पर आयोजित मेले में सुरक्षा के समुचित इंतजाम प्रशासन की ओर से किए गए हैं।

घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम

घाटों पर लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी हैं। घाटों पर होमगार्ड के सैनिकों की तैनाती की गई है। नगर निगम प्रशासन ने लोगों से घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की हैं। नर्मदा के घाटों पर सुरक्षाकर्मी और गोताखोरों की तैनाती के साथ पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है।

घाटों पर भजन कर रहे हैं श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर चंद्र ग्रहण का साया होने से लोग घाटों पर भजन संकीर्तन कर रहे हैं। शाम को ग्रहण का सूतक समाप्त होने पर पर्व स्नान करेंगे। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा, गंगा, कावेरी, सरयू आदि में स्नान करने से हजारों यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

श्रद्धालुओं ने की ओंकार पर्वत की परिक्रमा

पंचकोसी यात्रा का समापन होने से श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद ओंकार पर्वत की परिक्रमा की। ओंकारेश्वर से 4 नवंबर को लगभग 50 हजार श्रद्धालु पंचकोसी यात्रा पर रवाना हुए थे। बताया जा रहा है कि यात्रा पूर्ण कर सोमवार को पहला जत्था ओंकारेश्वर पहुंच गया था। वहीं शेष श्रद्धालु मंगलवार सुबह यहां पहुंचे हैं। पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान और ओंकार पर्वत की परिक्रमा के उपरांत श्रद्धालुओं का अपने घरों को लौटने का सिलसिला शुरू हो गया।

शिप्रा में भक्तों ने किया स्नान

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन के रामघाट सहित अन्य घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे। आज चंद्र ग्रहण का सूतक लगने की वजह से मंदिरों के पट बंद हैं, ऐसे में श्रद्धालु केवल स्नान करके ही अपने घर लौट रहे हैं। मंगलवार पर मंगलनाथ मंदिर में ग्रहण की वजह से भातपूजा भी नहीं हो रही है। कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा में दीपदान का भी बहुत महत्व है।

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