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कोरोना से मौत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपए मुआवजे की दी मंजूरी, कहा- आवेदन के 30 दिनों के भीतर मिले धनराशि

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कोरोना मृतकों के परिजनों के लिए 50 हजार रुपए मुआवजा देने के केंद्र सरकार के निर्देश को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि मृतक के परिवार को मिलने वाला यह मुआवजा दूसरी कल्याण योजनाओं से अलग होगा। दावे के 30 दिन के भीतर यह भुगतान किया जाएगा। मुआवजे राज्य के आपदा प्रबंधन कोष से दिए जाएंगे।

सुनवाई में कोर्ट ने जताया था संतोष

23 सितंबर को उच्चतम न्यायालय के जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की बेंच ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा था। उस दिन केंद्र ने हर मौत के लिए 50 हजार रुपए मुआवजा तय करने की जानकारी कोर्ट को दी थी। न्यायालय ने इस पर संतोष जताते हुए कहा था कि विपरीत परिस्थितियों में भारत जो कर पाया, वैसा और कोई देश नहीं कर सका। यह खुशी की बात है कि जिन लोगों ने पीड़ा झेली, उनके आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है।

भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा

जस्टिस एमआर शाह ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि मृतक के परिजनों को 50,000 रुपए की राशि का भुगतान किया जाएगा और यह केंद्र और राज्य द्वारा विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत भुगतान की गई राशि से अधिक होगी। जस्टिस शाह ने कहा कि कोई भी राज्य इस आधार पर 50,000 रुपए के लाभ से इनकार नहीं करेगा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण कोविड -19 नहीं है। मौत के कारणों को ठीक करने के लिए जिला अधिकारी सुधारात्मक कदम उठाएंगे। जिला स्तरीय समिति का विवरण प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा और मुआवजे की राशि का भुगतान आवेदन के 30 दिनों के भीतर करना होगा।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने की थी सिफारिश

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सिफारिश की थी कि कोविड -19 से मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपए दिए जाएं। केंद्र ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था। सरकार ने कहा था कि कोरोना राहत कार्यों या महामारी से निपटने की तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के कारण वायरस से मरने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह सहायता दी जाएगी।

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