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Earthquake: Taiwan में 24 घंटे में तीन बड़े भूकंप… भारी नुकसान, जापान में सुनामी का अलर्ट जारी

ताइवान में पिछले 24 घंटे में तीन भयानक भूकंप आ चुके हैं। शनिवार को 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, फिर रविवार की सुबह 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद रविवार दोपहर में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप ताइवान के ताइतुंग शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) नॉर्थ में आया। इसे लेकर जापान ने ताइवान के पास स्थित आइलैंड्स में सुनामी की चेतावनी जारी की है।

भूकंप से भारी नुकसान की आशंका

ताइवान में भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। कई जगहों पर सड़कें टूट गई हैं, ब्रिज गिर गए हैं। ट्रेनें पटरलियों से उतर गई हैं। यूली में एक स्टोर गिरने से उसमें चार लोग दब गए। फिलहाल किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। यूएस पैसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने इन भूकंपों के बाद ताइवान में सुनामी का अलर्ट जारी किया है।

जापान में सुनामी का अलर्ट

जापान के मौसम विज्ञान विभाग की ओर से सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। यहां नागरिकों को अंधेरा होने से पहले दक्षिणी टापू कयूशु खाली करने के लिए कहा है। यहां भीषण तूफान आने की आशंका है। इसके कारण 20 इंच तक बारिश हो सकती है। कहा गया है कि ताइवान से जुड़े द्वीप पर सुनामी का खतरा बना हुआ है।

ताइवान में भूकंप आने के बाद ताइतुंग काउंटी की इमारत झुक गई।

1999 में आए भूकंप में हुई थी 2000 लोगों की मौत

ताइवान रिंग ऑफ फायर इलाके में पड़ता है। यह इलाका ऐसी जगह पर है, जहां सबसे ज्यादा भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। असल में ताइवान दो टेक्टोनिक प्लेटों के एकदम नजदीक बसा है। इन दोनों में किसी भी तरह की हलचल होती है, तो ताइवान पर भूकंप और सुनामी दोनों का खतरा बना रहता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले साल 2016 में आए भूकंप से ताइवान में 100 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 1999 में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप से 2000 लोग मारे गए थे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

यूली में गिरा हुआ मार्केट स्टोर, जिसमें चार लोग दबे थे।

भूकंप के केंद्र का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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