
भोपाल। अकेली आने वाली महिला पर्यटकों के लिए ये खबर बेहद सुकून देने वाली है। देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश ने अब पर्यटन स्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की कवायद तेज कर दी है। विभाग के इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने का जिम्मा मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड को दिया गया है। अब महकमे ने तय किया है कि पुरूषों के वर्चस्व वाली इस इंडस्ट्री में महिलाओं को वरीयता दी जाएगी। इससे प्रदेश के फेमस डेस्टिनेशन पर घूमने का पालन कर रहीं वीमेन टूरिस्ट ज्यादा कंफर्टेबल और टेंशन फ्री होकर साइट्स को एक्सप्लोर कर सकें।
ये है प्लानिंग
इस योजना के मुताबिक महिलाओं को पर्यटन सखी के रूप में तैयार किया जा रहा है। अब परंपरागत पुरूष पेशे वाली जोब्स जैसे गाइड, ड्राइवर, शेफ, नौका चालक, होटल एक्जीक्यूटिव जैसे कामों के लिए न केवल महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है, बल्कि उनकी सेवाएं भी ली जाएंगी। इसके साथ ही आने वाले समय में म्यूजियम गाइड, सुरक्षा बंदोबस्त, मंदिर और संपत्ति प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण काम में भी महिलाओं की सेवाएं ली जाएंगी। अब तक विभाग ने 10 हजार महिलाओं को ट्रेनिंग देने का काम पूरा कर लिया है और इन पर्यटन सखियों को जल्द ही टुरिस्ट प्लेस पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यशाला के जरिए सिखा रहे स्किल्स
पर्यटन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के तहत आज कार्यशाला का आयोजन किया गया। भोपाल में विभाग के ही एक होटल में आयोजित इस वर्कशॉप की थीम “रक्षाबंधन संकल्प- सुरक्षित पर्यटन स्थल” रखी गई। इस वर्कशॉप में विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स को बुलाया गया और ये विचार किया गया कि महिलाओं के लिए प्रदेश के पर्यटन स्थल किस तरह से ज्यादा सुरक्षित हो सकते हैं। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि अब संकल्प सुरक्षित पर्यटन अभियान को संस्थागत स्वरूप देने की तैयारी है और इससे न केवल प्रदेश के पर्यटन स्थल पर आने वालों की तादाद बढ़ेगी, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इस दौरान पुलिस और प्रशासन से जुड़े आला अधिकारियों के साथ सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स ने भी महिलाओं के पर्यटन को बढ़ावा देने पर अपने सुझाव दिए।
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