
जम्मू-कश्मीर। जम्मू कश्मीर के कारगिल और लद्दाख में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दोपहर लगभग 3 बजकर 48 मिनट पर भूकंप आया। भूकंप का केंद्र करगिल में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इस बात की जानकारी दी है। किसी के हताहत होने या क्षति की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है।
कुछ मिनटों के अंदर आफ्टर शॉक ने डराया
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आफ्टरशॉक भी महसूस किए गए। 4 बजकर एक मिनट पर लद्दाख (Ladakh) में आए इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। 4 बजकर एक मिनट पर ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के किश्तवार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 मापी गई, फिर 4 बजकर 18 मिनट पर किश्तवार में ही एक और भूकंप के झटके लगे। इसकी तीव्रता 3.6 थी, वहीं इससे पहले 11 बजकर 38 मिनट पर पाकिस्तान में 4.0 की तीव्रता के भूकंप आए।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।
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