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‘Titanic’ का मलबा दिखाने गई पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में हुई लापता, खतरे में कई जिंदगियां; सर्च ऑपरेशन जारी

अटलांटिक महासागर की गहराइयों में डूबे टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी लापता हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते रविवार को डुबकी लगाने वाली इस पनडुब्बी से संपर्क टूट गया था और तब से ही इसे खोजने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि लापता होने के समय उसमें कितने लोग सवार थे। जानकारी के अनुसार, इसे 5 लोगों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें तीन पेइंग गेस्ट, एक पायलट और एक ‘कंटेंट एक्सपर्ट’ शामिल हैं

‘टाइटैनिक’ का मलबा दिखाने गई पनडुब्बी लापता

दरअसल, अटलांटिक महासागर की गहराइयों में डूबे टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली पनडुब्बी रविवार से ही लापता है। सर्चिंग टीम उस पनडुब्बी को तलाश रहे हैं, जो पर्यटकों को लेकर दुनिया के सबसे चर्चित जहाजों में से एक टाइटैनिक के मलबे को देखने निकली थी।

कंपनी ने ली जिम्मेदारी

पनडुब्‍बी को ओशिनगेट एक्‍पीडिशंस की तरफ से ऑपरेट किया जाता है। यह कंपनी गहरे समंदर में अभियान आयोजित करने का काम करती है। कंपनी की तरफ से इस हादसे की जिम्‍मेदारी ली गई है। अंतरिक्ष विज्ञान शास्‍त्री और पत्रकार स्‍टीव नोरिस ने इस बात की पुष्टि की है कि पनडुब्‍बी में सिर्फ कुछ ही घंटों की ऑक्‍सीजन बची है। ऐसे में क्रू का पता लगाने के लिए सिर्फ 72 घंटे का ही समय है।

टाइटैनिक का मलबा अटलांटिक महासागर के तल पर 3,800 मीटर (12,500 फीट) नीचे है। मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट से लगभग 600 किमी (370 मील) दूर है।

1912 में डूबा था टाईटैनिक

टाइटैनिक दुनिया के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध जहाज है जो कि वर्ष 1912 में अपनी पहली यात्रा के दौरान ही आइसबर्ग से टकराने के कारण दुर्घटना का शिकार हुआ था और अटलांटिक महासागर में डूब गया था। इस टाइटैनिक में सवार करीब 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। इस जहाज का मलबा अटलांटिक महासागर की गहराई में दबा था। टाइटैनिक की घटना पर फिल्म भी बन चुकी है। बता दें कि टाइटैनिक जहाज के मलबे को 1985 में अटलांटिक महासागर में खोजा गया था।

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