
ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब न्यूयॉर्क तक पहुंच गया है। दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का इंटरनेशनल न्यूज चैनल के साथ एक इंटरव्यू होने वाला था। रईसी की तरफ से शर्त रखी गई थी कि, महिला पत्रकार हिजाब पहनेंगी तो ही वे उनसे बातचीत करेंगे। लेकिन एंकर ने उनके सामने हिजाब पहनने से मना कर दिया और ये इंटरव्यू नहीं हो सका।
न्यूयॉर्क में हैं ईरान के राष्ट्रपति
ईरानी प्रेसिडेंट रईसी संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA मीटिंग में शामिल होने के लिए इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं। यहां उनका इंटरनेशनल न्यूज चैनल CNN में एंकर क्रिस्टीन एमनपोर के साथ इंटरव्यू होना तय था। वे पिछले एक सप्ताह से ईरान में चल रहे हिजाब विवाद पर रईसी से चर्चा करने वाली थीं।

रईसी ने एंकर के सामने हिजाब पहनकर इंटरव्यू लेने की शर्त रख दी। लेकिन एंकर ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा- यहां ऐसा कोई नियम नहीं है। यही वजह रही की इंटरव्यू नहीं हो पाया।
एमनपोर ने ट्वीट कर दी जानकारी
क्रिस्टीन एमनपोर ने इस घटना को लेकर ट्वीट किए। उन्होंने अपने सामने राष्ट्रपति के लिए रखी गई खाली कुर्सी के साथ अपना फोटो भी शेयर किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की जमीन पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का ये पहला इंटरव्यू होता। हफ्तों की मेहनत और 8 घंटे ट्रांसलेशन डिवाइस के साथ माथापच्ची करने के बाद हम तैयार थे। इस बीच उनका एक सहयोगी आया, जिसने कहा कि उन्हें हिजाब पहनना होगा क्योंकि ये मुहर्रम का पवित्र महीना चल रहा है।
मैंने इससे इनकार कर दिया और कहा कि, हम न्यूयॉर्क में हैं अमेरिका में हिजाब पहनने की कोई परंपरा या कानून नहीं है। उन्होंने राष्ट्रपति के सहयोगी से कहा कि पूर्व में किसी अन्य ईरानी राष्ट्रपति ने ऐसा नहीं कहा है, जब भी उन्होंने उनका इंटरव्यू किया है। जिसके बाद इंटरव्यू नहीं हो पाया।
कब शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
13 सितंबर को ईरान पुलिस ने महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। जिसके बाद 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने से हुई।

जिसके बाद से ईरान में हिजाब का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। महसा अमिनी की मौत और हिजाब मेंडेटरी होने का विरोध जताते हुए कई महिलाओं ने अपने बाल काट लिए और हिजाब भी जला दिए।
विरोध प्रदर्शन के चलते 40 लोगों की मौत
ईरान में हिजाब का विरोध प्रदर्शन अब हिंसक होता नजर आ रहा है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की वजह से अब तक 40 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। उग्र होते प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ईरान के खुफिया मंत्रालय ने चेतावनी दी कि विरोध प्रदर्शनों में भाग लेना अवैध है और प्रदर्शनकारियों पर केस चलाया जाएगा।