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मध्यप्रदेश में निवेश की वर्षा : 17 हजार करोड़ के प्रस्ताव, 13 हजार से ज्यादा को मिलेगा रोजगार

महाकोशल को बल जबलपुर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव

जबलपुर। संस्कारधानी के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र में शनिवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव अंचल के विकास का ताना-बाना बुना गया। चार हजार से अधिक प्रतिनिधि आयोजन के साक्षी बने। इस आयोजन से प्रदेश में निवेशों की वर्षा हुई, जिसमें 17 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में सहमति मिलने से करीब 13,400 लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां 700 से अधिक बायर-सेलर मीट भी की गई।

कार्यक्रम में यूके, फिजी, ताईवान, मलेशिया, कोस्टारीका और इंडोनेशिया के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की। देशभर से आए उद्योगपतियों-प्रतिनिधियों ने महाकोशल को करीब से जाना। इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र का उद्घाटन भी किया गया।

31 प्रतिशत वन भूमि मप्र में : डॉ. यादव

कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत में हीरे मप्र से निकलते हैं ये सुनने में अच्छा लगता है। मगर इन्हें तराशने के लिए बाहर भेजना पड़ता है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में ही इसका उद्योग लगे और यहां के हीरे यहीं तराशे जाएं। हमारे पास देश की 31 प्रतिशत वन भूमि है। इनमें टूरिज्म की संभावनाएं हैं। डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर में बहुत जल्द टेक्सटाइल और गारमेंट को बढ़ावा देने अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की घोषणा मंच से ही कर रहा हूं।

ये उद्योगपति भी आए

कॉन्क्लेव में अडाणी ग्रुप की डिफेंस यूनिट से अशोक वाधवान, एडवांस वेपन इक्विपमेंट इंडिया लि. के राजेश चौधरी, सैन्य वाहन निगम के सीएमडी संजय द्विवेदी भी शामिल रहे। अडाणी समूह शिवपुरी के पास 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है।

  •  265 औद्योगिक इकाइयों को 340 एकड़ भूमि आवंटन के लिए आशय पत्र जारी। (निवेश: 1,800 करोड़ से अधिक, रोजगार: 12,000 से अधिक)
  • स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना में मप्र को 3 करोड़ की वित्तीय सहायता मिली, जिसमें से 12 स्टार्टअप को 71 लाख से अधिक की सहायता दी गई।
  • मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) इकाई के लिए कुल 15,00 निवेशकों ने 5000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव दिए।

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